हनुमानजी को सिंदूर चढ़ाने की परंपरा क्यों?
जानिए, क्यों चढ़ाया जाता है हनुमानजी को सिंदूर
अद्भुत रामायण में एक कथा का उल्लेख मिलता है, जिसमें श्री रामचंद्र का राज्याभिषेक होने के पश्चात एक मंगलवार की सुबह जब हनुमानजी को भूख लगी, तो वे माता जानकी के पास कुछ कलेवा पाने के लिए पहुंचे।
सीता माता की मांग में लगा सिंदूर देखकर हनुमानजी ने उनसे आश्चर्यपूर्वक पूछा- 'माता! मांग में आपने यह कौन-सा द्रव्य लगाया है?' इस पर सीता माता ने प्रसन्नतापूर्वक कहा- 'पुत्र! यह सिंदूर है, जो सुहागिन स्त्रियों का प्रतीक, मंगलसूचक, सौभाग्यवर्धक है, जो स्वामी के दीर्घायु के लिए जीवनपर्यंत मांग में लगाया जाता है। इससे श्रीराम मुझ पर प्रसन्न रहते हैं।'