राम जन्मभूमि पर कविता : सवारी रघुनाथ की आई
हुई पूर्ण प्रतीक्षा जन-जन की
'लाल' का स्वप्न साकार
अवध में प्रकट भए श्री राम
निभाने रघुवर-रघुकुल रीत
पधारे जन्मभूमि भगवान
अवधपति जीत गए संग्राम
'मंगल' को हुआ मंगल ही काम
'बुध' को होगा शुभ श्री गणेश
मिटेंगे जन जनता के क्लेश
होगा 'नव' निर्माण विशेष
विराजेंगे सिंहासन राम
'लाल' भी अति होंगे उत्साही
अवध में मंगल घड़ी फिर आई
'शिव' धुन 'नमो' नमो की गूंजी
'अटल' की अटल छटा गहराई
सुषुमा (सुंदर) (सीता) नार स्वराज आई
भगवे की 'प्रीत' पुनः तरुणाई
प्रतीक्षा हुई पूर्ण शबरी की
भक्तों की भक्ति की शक्ति
लगाने राम के नाम की टेर
देह में अद्भुत शक्ति आई
लंका पर पुनः विजय है पाई
धनुर्धर ने प्रत्यंचा खूब चढ़ाई
'भारती' दीपों से जगमगाई
दीवाली भक्तों ने आज मनाई
सजी 'साकेत' धरा गरिमाई
आरती राम लला की गाई
हर्ष की पावन बेला आई
राम की राम से टेर लगाई
चहकने लगे नभचर खगवृंद
महकने लगे पुष्प मकरंद
नाचने लगे सब कपि वानर
बज उठे झांझ मृदंग सारंग
सरयू में वेग लहर लहराई
सवारी रघुनाथ की आई।