शनिवार, 27 अप्रैल 2024
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Written By Author शम्भू नाथ

कविता : हिन्दी हमारी भाषा

कविता : हिन्दी हमारी भाषा - Poem
लोगो में जगी यह आशा हो, 
सब की यही अभिलाषा हो ।  
तब हिन्दी का उत्थान होगा,  
सब में जगी जिज्ञासा हो ।। 
 

 
नेता अफसर फरमाए दार सब, 
प्राइमरी में बच्चे पढ़ाएं । 
हिन्दुस्तान की भेषभूषा को, 
सारे मिल के आगे बढ़ाएं।।
 
तब जय-जयकार कुल हिंदी की होगी,  
हिन्दी का दफ्तर में भाषा हो।
हिन्दी भाषी को मिले नौकरी, 
सब हिन्दी की तारीफ करें ।।
 
संग में मिलकर सभी चलें, 
भेदभाव न कभी करें।
हिन्दुस्तान तब बढ़ेगा आगे, 
ऐसा अलौकिक राजा हो।।