ब्लॉग: इंटरनेट पर हिन्दीभाषियों का मंच
इंटरनेट पर हिन्दी के उपयोग से हुई आसानी ने हर हिन्दीभाषी को दुनिया के सामने अपनी बात रखने का अवसर दिया और इस अवसर का माध्यम बनी ब्लॉगिंग। यूँ तो इंटरनेट पर ब्लॉग लिखने की सुविधा लंबे समय से थी लेकिन अंग्रेज़ी में ब्लॉग लिखना केवल प्रबुद्ध वर्ग का काम समझा जाता था। हिन्दी ने इसे आमजन का मंच बना दिया और अब हर कोई अपने विचार मुक्त रूप से रख सकता था।
किसी पश्चिमी ब्लॉगर ने कहा है कि अगली क्रांति ब्लॉग के द्वारा होगी और हिन्दी ब्लॉगों और उनके पाठकों की बढ़ती संख्या को देखते हुए यह बात सच साबित होती लगती है।
इसने हिन्दी के पाठकों, प्रेमियों और विचारकों को अपनी अभिव्यक्ति का ऐसा विशाल कैनवास दिया जहां हर तरह की अनुभूतियां अपने रंग सजाने लगी। पहली बार हिन्दी में 2002 अक्टूबर में ब्लॉग लिखा गया। विनय और आलोक ने अपने ब्लॉग में हिन्दी लेख लिखने शुरू किए लेकिन इसमें अंग्रेजी के भी आलेख थे।
21 अप्रैल 2003 में सिर्फ हिन्दी के प्रथम ब्लॉग का श्रेय 'नौ दो ग्यारह' को मिलता है। जिसे बंगलौर निवासी आलोक ने बनाया था। हिन्दी का प्रथम ब्लॉग संकलन -चिट्ठाविश्व, सन् 2004 के आरंभ में बनाया गया था।
अभिव्यक्ति की वास्तविक, त्वरित, और कम खर्चीली स्वतंत्रता जैसी एक ब्लॉग दे सकता है, वह किसी अन्य माध्यम में उपलब्ध नहीं है। ब्लॉगर, ब्लॉगस्पॉट, वर्डप्रेस, मायस्पेस और वेबदुनिया पर पहले माय वेबदुनिया और वर्तमान में 'मेरा ब्लॉग' हिन्दी में ब्लॉगिंग की सुविधा दे रहा है।