जानिए चाय से जुड़े यह 5 मिथक
हर किसी की सुबह की शुरुआत चाय की चुस्की के साथ ही होती है। चाहे आप घर पर हों, ड्यूटी पर हों या फिर यात्रा पर, चाय के बगैर कुछ अधूरा जरूर लगता है। यह चाय ही है जो हमें तरोताजा करती है। लेकिन चाय के फायदे और उसके नुकसान को लेकर भी अलग-अलग बातें की जाती हैं। आइए जानते हैं चाय से जुड़े कुछ मिथक और उनके सच्चाई -
मिथक-1 ब्लैक टी, एंटी ऑक्सीडेंट नहीं होती ।
सच्चाईः ग्रीन और ब्लैक टी एक ही पौधे 'कैमेलियासाइनेसिस' से मिलती हैं। ब्लैक व ग्रीन टी में समान मात्रा में फ्लेवनायड्स पाए जाते हैं। हालांकि दोनों तरह की चाय में पाए जाने वाले अलग-अलग प्रकार के फ्लेवनॉयड्स मौजूद होते हैं, जिनकी कार्यप्रणाली भी अलग-अलग होती है। शोधों से स्पष्ट है कि ब्लैक टी पीने के बाद खून में एंटी-ऑक्सीडेंट क्षमता बढ़ जाती है।
मिथक-2 चाय पीने से पानी की कमी हो जाती है ।
सच्चाईः चाय तरल पदार्थों का एक महत्वपूर्ण स्त्रोत है। इसका सामान्य मात्रा में सेवन किसी भी रूप से पानी की कमी यानी डिहाइड्रेशन नहीं कर सकता। शोधकर्ताओं की राय में पानी के बाद चाय प्यास बुझाने वाला सबसे अच्छा तरल पदार्थ है।
मिथक-3 कॉफी की तरह चाय में भी कैफीन मौजूद होता है।
सच्चाईः एक कप चाय में काफी के मुकाबले कैफीन की मात्रा आधी होती है।
मिथक-4 ज्यादा चाय पीना सेहत के लिए हानिकारक है।
सच्चाईः शोधकर्ताओं की मानें तो दिन भर में आप आठ कप चाय पी सकते हैं। यह शरीर में पानी की कमी को पूरा करने में मददगार होता है। इतना जरूर है कि ज्यादा चाय पीने पर शकर का ध्यान जरूर रखें।
मिथक-5 चाय शरीर द्वारा आयरन अवशोषण को रोकती है।
सच्चाईः पोषक व संतुलित भोजन लेने पर चाय कभी भी लौह तत्व के अवशोषण में बाधक नहीं होती। लेकिन बच्चों व गर्भवती महिलाओं,जिनमें आयरन की कमी हो सकती है,बेहतर होगा कि खाना खाने के एक घंटे बाद चाय पिएं।