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Written By भाषा
Last Modified: अहमदाबाद , शुक्रवार, 9 मई 2014 (09:51 IST)

मोदी की जाति पर विवाद, क्या बोली गुजरात सरकार...

मोदी की जाति पर विवाद, क्या बोली गुजरात सरकार... -
अहमदाबाद। नरेन्द्र मोदी के फर्जी अन्य पिछड़ा वर्ग से होने के कांग्रेस के आरोप के जवाब में गुजरात सरकार ने अपनी दो दशक पुरानी एक अधिसूचना का जिक्र किया, जो कहती है कि मोध घांछी (तेली) जाति को अन्य पिछड़ा वर्ग श्रेणी में शामिल किया गया है, जिससे मोदी ताल्लुक रखते हैं।
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राज्य सरकार के प्रवक्ता नितिन पटेल ने कहा, गुजरात सरकार के समाज कल्याण विभाग ने 25 जुलाई 1994 को एक अधिसूचना पारित की थी, जो 36 जातियों को ओबीसी श्रेणी में शामिल करती थी और इसमें संख्या 25 (ब) में मोध घांछी जाति का जिक्र है जिससे मोदी ताल्लुक रखते हैं। इस जाति को ओबीसी में शामिल किया गया है।

कांग्रेस नेता शक्तिसिंह गोहिल ने दिल्ली में इससे पूर्व कहा था कि मोदी फर्जी ओबीसी हैं। पटेल ने कहा कि यह अधिसूचना 1994 में जारी की गई थी जब कांग्रेस राज्य में सत्ता में थी।

उन्होंने कहा, जब मोदी की लोकप्रियता चरम पर है, गुजरात कांग्रेस के नेता लोगों को बहका रहे हैं। राज्य सरकार ऐसी कार्रवाई की निंदा करती है। गोहिल ने गुजरात सरकार के एक सर्कुलर को जारी कर दावा किया था कि मोदी ने मुख्यमंत्री बनने के बाद ओबीसी श्रेणी में अपनी जाति को शामिल कराने के लिए कुछ जोड़-तोड़ की है।

मोदी की जाति पर क्यों उठा बवाल...


कांग्रेस ने मोदी द्वारा प्रियंका की नीच राजनीति संबंधी टिप्पणी की काट करने के लिए जाति कार्ड का इस्तेमाल किए जाने के बाद यह हमला किया था। गोहिल ने कहा, मोदी ओबीसी से ताल्लुक नहीं रखते हैं जैसा कि वे ओबीसी मतों को भुनाने के लिए दावा कर रहे हैं।

गोहिल ने कहा, वे धनी और समृद्ध मोध घांछी जाति से ताल्लुक रखते हैं जिसे मोदी के मुख्यमंत्री बनने से पूर्व न कभी किसी प्रकार के आरक्षण का लाभ दिया गया और न ही ओबीसी में शामिल किया गया। गुजरात में फर्जी मुठभेड़ों की तरह ही मोदी भी एक फर्जी ओबीसी हैं।

कांग्रेस ने मोदी द्वारा प्रियंका की ‘नीच राजनीति’ संबंधी टिप्पणी की काट करने के लिए जाति कार्ड का इस्तेमाल किए जाने के बाद यह हमला किया था।

गोहिल ने कहा, ‘मोदी ओबीसी से ताल्लुक नहीं रखते हैं जैसा कि वह ओबीसी मतों को भुनाने के लिए दावा कर रहे हैं। वह धनी और समृद्ध मोध घांछी जाति से ताल्लुक रखते हैं, जिसे मोदी के मुख्यमंत्री बनने से पूर्व न कभी किसी प्रकार के आरक्षण का लाभ दिया गया और न ही ओबीसी में शामिल किया गया। गुजरात में फर्जी मुठभेड़ों की तरह ही मोदी भी एक फर्जी ओबीसी हैं।’ (भाषा)