दोस्त... यह शब्द भले ही सिंगल और छोटा सा हो, लेकिन इसमें आपको वैरायटी बहुत मिल जाएंगी। और आपके खास दोस्त कैसे होंगे, यह तो भई आपकी अपनी पसंद पर डिपेंड करता है। नहीं समझे ? अरे भई हम दोस्त नाम की चिड़िया के अलग-अलग प्रकारों की बात कर रहे हैं। जैसे - बेचारा दोस्त, कमीना दोस्त, टाइमपास दोस्त, लाईफटाइम दोस्त...जैसा भी हो, लेकिन हर एक फ्रेंड जरूरी होता है..
आपके पास तो अपना फेवरेट बेस्ट फ्रेंड जरूर होगा, लेकिन दोस्तों की फेहरिस्त में और कितने प्रकार हो सकते हैं, जरा इस पर भी गौर जरूर फरमाइएगा....तो चलिए शुरूआत करते हैं, लाईफटाइम यानी टिकाऊ दोस्त से -
1 लाईफटाइम दोस्त : लाईफटाइम या टिकाऊ टाइप के दोस्त आजकल कम ही दिखाई देते हैं। हां अगर आपकी दोस्ती पुरानी है, और लंबे समय से चली आ रही है, तो आपने जरूर इस दोस्ती का आनंद लिया होगा, लेकिन असल जिंदगी में तो अब इस तरह के दोस्त फिल्मों या किताबों में ही मिलते हैं। इस प्रकार के दोस्त हर हाल में ताउम्र साथ निभाते हैं, और हमारी खुशी के लिए अपना सब कुछ कुर्बान करने का जज्बा रखते हैं।इस तरह के दोस्त - यारी है ईमान मेरा यार मेरी जिंदगी .... टाइप होते हैं।
2 केयरिंग दोस्त : इस तरह के दोस्त आपकी हर बात का पूरा ध्यान रखते हैं, बिल्कुल मां की तरह। आपकी पढ़ाई और एक्जाम से लेकर तबियत और खाने-पीने तक का ख्याल उसे रहता है, और वह हर वक्त आपके लिए एक पैर पर हाजिर होता है। अगर आपके पास ऐसा दोस्त है, तो आप खुशकिस्मत हैं। लेकिन संभल कर कहीं इतनी ज्यादा केयर से आप भी असहज न महसूस करने लगे। इनके लिए यह गाना फिट है-
आजा वे हवाओं पे बैठा के ले चलूं, तू ही तो मेरा दोस्त है ...
3 पकाऊ दोस्त : इस तरह के दोस्तों को इससे कोई मतलब नहीं होता कि आप उनकी बातों और हरकतों से बोर हो रहे हैं, उसे केवल हर बात में अपनी राय रखने की बीमारी होती है। इन्हें लोग फेंकू के नाम से भी जानते हैं। इन्हें बस कोई सुनने वाला चाहिए होता है, जिन्हें यह कभी ज्यादा बोलने का मौका नहीं देते, और यह खुद के सबसे बड़े फैन होते हैं। इनसे बचकर रहने की कोशिश ही आपके लिए बेहतर उपाय है।
4 स्वार्थी दोस्त : इस तरह के दोस्त मौकापरस्त और मतलबी टाइप के होते हैं, जो कई बार आपसे दोस्ती भी मौके का फायदा उठाकर करते हैं।यह आपको अपना लक्ष्य प्राप्त करने की सीढ़ी की तरह इस्तेमाल करता है, और काम हो जाने के बाद आपको याद तक नहीं करता। इस तरह के दोस्तों को पहचानने में आप जितनी देर करेंगे, उतना ही नुकसान उठाना पड़ सकता है।
अच्छा सिला दिया तूने मेरे प्यार का, यार ने ही लूट लिया घर यार का ......
5 मूडी दोस्त : इस तरह के दोस्तों का मिजाज बदलते देर नहीं लगती। या तो यह बिल्कुल मेहरबान होते हैं, या फिर खबरदार की मुद्रा में। इन्हें हैंडल करना बहुत ही टेढ़ी खीर साबित होता है, क्योंकि इनका मूड कभी भी ऑन या ऑफ हो सकता है और इन्हें शांत करने के लिए आपको इंतजार भी करना पड़ सकता है। अगर आपको यह कला आती है, तभी इनसे दोस्ती बेहतरीन होती है, वरना बात बिगड़ भी सकती।
पल में तोला - पल में माशा .... इनके लिए फिट है।
6 मस्तमौला : इस तरह के दोस्त बिल्कुल बेफिक्र और अपनी मस्ती में होते हैं। ऑल टाइम फन इसका फंडा होता है, और यह जियो और जीने दो की तर्ज पर चलना बेहतर समझते हैं। इन्हें खुद भी कोई चिंता नहीं होती और यह आपको भी वैसा ही रखने की चाह रखते हैं। आपके दुख- सुख में यह दोस्त ऑल टाइम अवेलेबल रहते हैं, और बेरंग जिंदगी में भी रंग भरने में सक्षम होते हैं।
जिंदगी हंस के बिताएंगे.. साज ए दिल गा के सुनाएंगे ..
7 बेचारा : हमेशा किसी बात का दुख या चिंता में खोए रहना, इस दोस्त की खासियत होती है। इस तरह के दोस्त को हमेशा आपक कंधे की जरूरत होती है, और आपका साथ भर भी इन्हें हिम्मत दिलाने के लिए काफी होता है। कई बार समस्याओं में उलझे रहने के कारण इनका आत्मविश्वास कम होने लगता है, ऐसे में इन्हें आपकी जरूरत होती है। ये इमोशनल और कलाकार होते हैं।
8 कंजूस : कैंटीन या खर्चीली जगहों पर इनकी जेब से कभी वॉलेट नहीं निकलता। किसी चीज को व्यर्थ गंवाने के बजाय इन्हें चीजों का आखरी दम तक प्रयोग करना अच्छा लगता है। कम खर्चे में काम चलाना इन्हें अच्छी तरह से आता है। इनसे किसी भी तरह के आमंत्रण की उम्मीद आप न ही करें तो बेहतर होगा। साथ ही किसी मौके पर इनके हिस्से का खर्च देने के लिए भी आप तैयार रहें।
9 टाइमपास : किसी यात्रा के दौरान बस या ट्रेन में इस तरह के दोस्त आसानी से मिल जाते हैं, और फोन, लेटर, मैसेज या फेसबुक तक ही सीमित रहते हैं। कुछ देर गॉसिपिंग, जोक्स शेअरिंग व अन्य आवश्यकतानुसार बातों के अलावा इनसे ज्यादा आपसी समझ विकसित नहीं हो पाती। इन्हें पूरी तरह से जानना संभव नहीं होता, अत: अपनी पर्सनल बातें शेअर करने से बचना चाहिए।
10 पसेसिव : इस तरह के दोस्त आपके लिए काफी संवेदनशील और केअरिंग और मददगार होते हैं। लेकिन कई बार आपका कोई काम अकेले और इन्हें बगैर शामिल किए करना इन्हें रास नहीं आता।
अगर आप किसी दोस्त के ज्यादा करीबी बन रहे हैं, तो यह इन्हें बिल्कुल गवारा नहीं होता, और वे आपसे अनकही शिकायत रखकर मुंह फुला लेते हैं। दरअसल इन भावनाओं के पीछे उनका आपके प्रति प्यार होता है, लेकिन अति किसी भी चीज की ठीक नहीं है।