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Last Updated : गुरुवार, 31 दिसंबर 2020 (20:01 IST)

Flashback 2020: जम्मू-कश्मीर में घुसपैठ व आतंकवादी घटनाओं में आई कमी

Flashback 2020: जम्मू-कश्मीर में घुसपैठ व आतंकवादी घटनाओं में आई कमी - Reduction in infiltration and terrorist incidents in Jammu and Kashmir
जम्मू। जम्मू-कश्मीर में वर्ष-2020 के दौरान घुसपैठ, आतंकवादी घटनाओं और आम नागरिकों के मारे जाने की घटनाओं में कमी आई है और इस अवधि में सुरक्षा बलों ने सफल आतंकवादरोधी अभियानों में 225 आतंकवादियों को मार गिराया। यह जानकारी जम्मू-कश्मीर के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) दिलबाग सिंह ने गुरुवार को यहां आयोजित वार्षिक प्रेस वार्ता में दी।
उन्होंने कहा कि हमने जम्मू-कश्मीर में 100 से अधिक सफल अभियानों को अंजाम दिया। इनमें से 90 कश्मीर और 13 जम्मू क्षेत्र में थे। इस दौरान कुल 225 आतंकवादियों को मार गिराया गया जिनमें से 207 कश्मीर घाटी और 18 आतंकवादी जम्मू क्षेत्र में मारे गए। सिंह ने बताया कि मारे गए आतंकवादियों में 47 विभिन्न संगठनों के शीर्ष कमांडर थे। उन्होंने कहा कि आज विभिन्न आतंकवादी संगठनों के शीर्ष कमांडरों को मार गिराया गया है।
 
डीजीपी ने बताया कि वर्ष 2020 में जम्मू-कश्मीर पुलिस के 16 जवान (15 कश्मीर में और 1 जम्मू में) और सुरक्षा बलों के 44 जवान (42 कश्मीर में और 2 जम्मू में) आतंकवादियों के साथ लड़ते हुए शहीद हुए। सिंह ने बताया कि पुलिस और सुरक्षाबलों ने आतंकवादी संगठनों के लिए काम करने वाले लोगों (ओवरग्राउंड वर्कर) की भी धरपकड़ की, जो हथगोला फेंकने या संदेश और कुरियर पहुंचाने का काम करते थे।
उन्होंने बताया कि आतंकवादी संगठनों के लिए काम करने वाले 653 लोगों को गिरफ्तार किया गया जिनमें से 56 के खिलाफ जनसुरक्षा अधिनियम के तहत कार्रवाई की गई। सिंह ने बताया कि इस साल 299 आतंकवादियों और उनके सहयोगियों को गिरफ्तार किया गया जबकि 12 आतंकवादियों ने आत्मसमर्पण किया। 
 
पुलिस प्रमुख ने बताया कि इस साल 426 हथियार, 9,000 से अधिक कारतूस एवं मैगजीन तथा विस्फोटकों का जखीरा आतंकवादरोधी अभियान के दौरान जब्त किया गया। उन्होंने बताया कि इस साल आतंकवादियों के हाथों आम नगारिकों के मारे जाने की घटनाओं में कमी आई और 38 लोगों की जान गई है जबकि पिछले साल इस तरह 44 लोगों ने जान गंवाई थी।
सिंह ने कहा कि हालांकि इस साल आतंकवादियों की भर्ती में थोड़ी वृद्धि हुई है लेकिन 70 प्रतिशत को या तो मार गिराया गया या तो वे आतंकवादी संगठन छोड़कर वापस आ गए। नए भर्ती आतंकवादियों में से 46 को गिरफ्तार किया गया जबकि 76 मारे गए।
 
सिंह ने कहा कि घुसपैठरोधी पहल की वजह से घुसपैठ में भी बड़े पैमाने पर कमी आई है।पाकिस्तान जम्मू क्षेत्र में आतंकवाद को बढ़ाना चाहता है और सांप्रदायिक समस्या उत्पन्न करना चाहता है। जम्मू क्षेत्र में करीब 1 दर्जन आतंकवादी सक्रिय थे लेकिन अब उनकी संख्या घटकर 3 रह गई है। वे किश्तवाड़ जिले में हैं और हम उनका पता लगा रहे हैं।
 
डीजीपी ने कहा कि पाकिस्तान की तमाम कोशिशों के बावजूद इस साल घुसपैठ के मामले गत 3 साल में सबसे कम रहे, इसलिए अब वे (पाकिस्तान) स्थानीय आतंकवादियों की भर्ती पर आश्रित हैं और उन्हें हथियार, विस्फोटक एवं नकदी की आपूर्ति ड्रोन के जरिए करने की कोशिश कर रहे हैं लेकिन ऐसी अधिकतर कोशिशें नाकाम की गई हैं तथा सबसे अच्छी बात यह है कि स्थानीय युवाओं के आतंकवादी संगठनों से जुड़ने की प्रवृत्ति कम हो रही है। (भाषा)