• Webdunia Deals
  1. मनोरंजन
  2. टीवी
  3. आलेख
Written By दीपक असीम

जोर का झटका : खलनायक जैसे शाहरुख...

शाहरुख खान
WD
ये शाहरुख को क्या हो गया है? टीवी होस्ट के रूप में भी नंबर वन बनने का जुनून ऐसा कि शाहरुख जावेद जाफरी का काम कर रहे हैं, वो भी इतरा-इतरा के? इमैजिन पर शुरू होने वाले गेम शो "जोर का झटका" के लिए बहुत हल्ला मचाया जा रहा था। पर ये तो बहुत ही बोदा सा शो निकला, जो विदेशी शो की नकल भी है।

एक जापानी टीवी गेम शो बच्चों के चैनल "पोगो" पर आया करता था। उसमें जावेद जाफरी दिखते नहीं थे, पर मजेदार कामेंट्री किया करते थे। यहाँ पर शाहरुख दिखते भी हैं। भारत में वो शो जावेद जाफरी की कमेंट्री के कारण बहुत फेमस हुआ था। उसमें सेलिब्रेटी नहीं बच्चे ही हिस्सा लिया करते थे। बच्चे यानी किशोर...।

कुछ मजाक हैं जो जावेद जाफरी के मुँह से भद्दे नहीं लगते थे, मगर शाहरुख बोलते हैं तो अश्लील हो जाते हैं। जावेद जाफरी का अपना एक परिहास बोध है, अपनी एक चेतना है। जावेद जाफरी के मन में बच्चों के लिए प्यार होता था, अपनापन होता था। इसलिए उनके मजाक थोड़े से भद्दे होकर भी कभी इतने अश्लील नहीं हुए कि माँ-बाप अपने बच्चों को शो देखने से मना कर दें। मगर शाहरुख के कमेंट सरासर गंदे और दोहरे मतलब वाले हैं।

इस शो के कुछ मुहावरे हैं जिनका लोकभाषा में अलग अर्थ है। मिसाल के लिए जीपीएल... शाहरुख के पास इसका फुलफार्म है "ग्रांड पिछवाड़े पर लात"। "वेलकम टू बिग बॉल्स"... इसमें "बिग बॉस" का भी मजाक उड़ाया जा रहा है और सलमान का भी। साथ ही बोलने के ढंग में भी गंदापन है।

अमिताभ ने साबित कर दिया है कि बहुत शालीनता के साथ भी मजाक किए जा सकते हैं और दर्शकों को हँसाया जा सकता है। मुस्कुराहट के ही इतने शेड बिग बी के पास हैं कि वे मुस्कुरा कर छिपी हुई तमाम बातें कह जाते हैं। मौन की गरिमा भी बनी रहती है और मजाक भी हो जाता है। सलमान खान जो मस्तियाँ करते हैं, उनमें एक अबोधता है, सरलता है। इसीलिए वे प्यारी लगती हैं।

शाहरुख खान केवल और केवल रोमांटिक भूमिकाओं में ही फबते हैं। इसके अलावा और कुछ उन पर सूट नहीं करता। पिछली बार भी "पाँचवीं पास" में वे फेल हुए थे और उनके मुकाबले सलमान खान का शो सुपर हिट था। इस बार भी सलमान खान सुपरहिट रहे हैं और शाहरुख का शो फिसड्डी ढंग से शुरू हुआ है।

इसमें कुछ भी ओरिजनल नहीं है। पानी में कूद-फांद विदेशी शो से लिया गया है और बोल-वचन उधार लिए गए हैं जावेद जाफरी से। इस कमेंट्री में जावेद जाफरी के डायलॉग कोई नहीं लिखता था। मौके पर जो उन्हें सूझ जाए बोल देते थे। शाहरुख कभी इस मामले में जावेद जाफरी का मुकाबला नहीं कर सकते।

शाहरुख के अंदाज में इस बार घमंड है, दूसरों को नीचा समझने का भाव है, खुद को कामदेव का अवतार समझने की गलतफहमी है और दूसरे शो का मखौल उड़ाने का इरादा है। शाहरुख अपनी तमाम नकारात्मक प्रवृत्तियों के साथ इस शो में हाजिर हैं। देखना है आने वाले दिनों में इस शो की टीआरपी क्या रहती है।