बुधवार, 24 अप्रैल 2024
  • Webdunia Deals
  1. मनोरंजन
  2. बॉलीवुड
  3. फिल्म समीक्षा
  4. ब्रेक के बाद : ब्रेक से पहले
Written By समय ताम्रकर

ब्रेक के बाद : ब्रेक से पहले

Break Ke Baad Movie Review | ब्रेक के बाद : ब्रेक से पहले
PR
बैनर : कुणाल कोहली प्रोडक्शन्स, रिलायंस बिग पिक्चर्स
निर्माता : कुणाल कोहली
निर्देशक : दानिश असलम
संगीत : विशाल-शेखर
कलाकार : इमरान खान, दीपिका पादुकोण, शर्मिला टैगोर, शहाना गोस्वामी, नवीन निश्च
सेंसर सर्टिफिकेट : यू * 1 घंटा 53 मिनट
रेटिंग : 2/5

पहले हाफ में अच्छी चल रही ‘ब्रेक के बाद’ में इंटरवल के रूप में ब्रेक होता है और इस ब्रेक के बाद फिल्म पूरी तरह बिखर जाती है। लेखक और निर्देशक को सूझा नहीं कि किस तरह कहानी को खत्म किया जाए और किसी तरह उन्होंने अपनी बात समाप्त की।

बचपन के दोस्त आलिया (दीपिका पादुकोण) और अभय (इमरान खान) अपने रिश्ते में ब्रेक लेते हैं, यहाँ तक तो बात समझ में आती है, लेकिन उनके ‘ब्रेक अप’ वाली बात में दम नहीं है।

दर्शक को समझ में नहीं आता कि आलिया क्यों अलग होना चाहती है? कोई ठोस कारण इसके लिए नहीं दिया गया? ठीक है कि आलिया मस्तमौला किस्म की इंसान है। अपने हर सीन में वह स्टार है, लेकिन अभय में भी कोई बुराई नहीं है। वह उसे सिर्फ समझाइश देता रहता है और सिर्फ इसी कारण से रिश्ते को तोड़ देने वाली बात बनावटी लगती है। लिहाजा उनके अलग होने और एक होने से दर्शकों को कोई फर्क नहीं पड़ता।

PR
ब्रेक लेने के बाद आलिया पढ़ाई के लिए ऑस्ट्रेलिया जाती है और उसके पीछे-पीछे अभय भी वहाँ जा पहुँचता है। आलिया का फिर से दिल जीतने के लिए अभय का टैक्सी चलाना, सड़कों पर खाना बेचना और बड़ी आसानी से एक पराए देश में पैसा कमाना बहुत ही फिल्मी है।

फिल्म की थीम अच्छी है कि रिश्ते का महत्व हमें तभी पता चलता है, जब वह टूट जाता है। अभय से अलग होने के बाद आलिया को समझ में आता है कि वह कोई स्पेशल नहीं है बल्कि उसके छोटे-छोटे नखरों को उठाकर अभय ने उसे स्पेशल बना रखा है। वहीं अभय यह बात जान पाता है कि आखिर वह जिंदगी में क्या चाहता है? लेकिन इस थीम के लिए जो स्क्रीनप्ले लिखा गया है, वह प्रभावी नहीं है।

ऐसा नहीं है कि फिल्म में सब कुछ खराब है। कुछ अच्छे सीन भी हैं। खासतौर पर इंटरवल के पहले दीपिका और रणबीर के बीच जो बातचीत वो बेहतरीन हैं। इसमें संवादों का बहुत बड़ा योगदान है।

निर्देशक दानिश असलम ने फिल्म के लुक पर ज्यादा ध्यान दिया है और कलाकारों से बेहतरीन अभिनय करवाया है। फिल्म का मूड हल्का-फुल्का रखा है और इमरान तथा दीपिका के कैरेकटर पर मेहनत की है। उनमें संभावनाएँ नजर आती हैं। परंतु उन्हें स्क्रिप्ट की कमियों पर ध्यान देना चाहिए।

हिट म्यूजिक लव स्टोरी की जान होता है और इसकी कमी ‘ब्रेक के बाद’ में महसूस होती है। संगीतकार विशाल-शेखर ‘अधूरे’ और ‘दूरियाँ भी जरूरी है’ को छोड़ कोई अच्छी धुन नहीं दे पाए। ‘गानों का फिल्मांकन भी अधूरे मन से किया गया है।

PR
एक्टिंग फिल्म का प्लस पाइंट है। इमरान खान और दीपिका पादुकोण ने अपने किरदारों को अच्‍छे तरीके से समझकर अभिनीत किया है और उनकी उम्दा एक्टिंग के कारण ही फिल्म में रूचि बनी रहती है। दोनों की कैमेस्ट्री शानदार है। शर्मिला टैगोर, नवीन निश्चल, शहाना गोस्वामी का पूरी तरह उपयोग नहीं हो पाया है।

कुल मिलाकर ‘ब्रेक के बाद’ ब्रेक से पहले ही अच्‍छी है।