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सफला एकादशी के दिन भूलकर भी न करें ये 10 कार्य

सफला एकादशी के दिन भूलकर भी न करें ये 10 कार्य - Saphala Ekadashi ke varjit karya
पौष मास की कृष्ण पक्ष की एकादशी को सफला एकादशी कहते हैं। इस बार यह एकादशी अंग्रैजी कैलेंडर के अनुसार 29 दिसंबर, 2021 को शाम के 4 बजकर 12 मिनट पर प्रारंभ होकर अगले दिन 30 दिसंबर को 01 बजकर 40 मिनट पर समाप्त होगी। इसीलिए अधिकतर लोग 30 दिसंबर गुरुवार को एकादशी का व्रत रखेंगे। आओ जानते हैं कि इस दिन कौनसे 10 कार्य भूलकर भी नहीं करना चाहिए।
 
 
सफला एकादशी पर ये कार्य ना करें
1. इस दिन किसी भी प्रकार का ता‍मसिक भोजन न करें। जैसे लहसुन, प्याज, मांस, मच्छी और कोई नशीली वस्तु का सेवन न करें।
 
2. कहते हैं कि इस दिन दातुन भी नहीं करना चाहिए।
 
3. इस दिन बिस्तर पर नहीं सोचा चाहिए। भूमि पर सोना चाहिए।
 
4. इस दिन किसी भी पेड़ या पौधे से फूल पत्ती नहीं तोड़ना चाहिए।
 
5. इस दिन किसी भी प्रकार का अपशब्द नहीं कहना चाहिए।
 
6. इस दिन शारीरिक संबंध न बनाएं।
 
7. इस दिन किसी भी रूप में चावल का सेवन न करें।
 
8. इस दिन वाद-विवाद और लड़ाई-झगड़ा से बचना चाहिए।
 
9. इस दिन दिन में और शाम के वक्त नहीं सोना चाहिए।
 
10. इस दिन क्रोध करना और झूठ बोलना भी वर्जित है।
 
फायदे : 
1. इस एकादशी का व्रत रखने से 1 हजार अश्वमेघ यज्ञ का फल प्राप्त होता है।
 
2. इस दिन व्रत रखने से सभी तरह के संताप और दुःख समाप्त हो जाते हैं।
 
3. इस दिन व्रत रखने से भाग्य के दरवाजे खुल जाते हैं। 
 
4. सफला एकदशी का व्रत रखने से व्यक्ति की सारी मनोकामनाएं पूर्ण होती है।
 
5. सफला एकादशी का व्रत रखने से जीवन में देखे गए सपने पूर्ण होने में मदद मिलती है।