मंगलवार, 19 नवंबर 2024
  • Webdunia Deals
  1. धर्म-संसार
  2. व्रत-त्योहार
  3. ईद
  4. eid al adaha ke din kya karen
Written By

ईद अल अजहा आज, जानिए दिन भर क्या करें खास

ईद अल अजहा आज, जानिए दिन भर क्या करें खास - eid al adaha ke din kya karen
ईद अल-अज़हा/ कुर्बानी की ईद इस्लाम धर्म के लोगों का एक प्रमुख त्योहार है। इस दिन को ईदुल अज़हा, ईदुज़ जुहा, ईद अल-अधा, ईद उल-अज़हा तथा बकरीद के नाम से जाना जाता है। वर्ष 2023 में यह पर्व 29 जून 2023, दिन गुरुवार को मनाया जा रहा है। 
 
आइए यहां जानते हैं आज दिन भर क्या करें खास-Eid ul Adha Rulls
 
1. कुर्बानी की ईद के दिन सुबह जल्दी उठकर नमाज अदा करें। 
 
2. इस दिन मिस्वाक करके नहाने के पश्चात नए या अच्छे कपड़े पहनते हैं। 
 
3. ईद के पहले ही नमाज के लिए कुर्ता, टोपी भी खरीदें जाते हैं। 
 
4. ईद की नमाज से पहले तकबीर का जाप किया जाता है। 
 
5. आज के दिन ईदगाह में जाकर विशेष प्रार्थना की जाती है।
 
6. ईद-उल-अजहा के अवसर पर मस्जिद में नामज के बाद एक-दूसरे को मुबारकबाद दी जाती है। 
 
7. इस दिन कुर्बानी सिर्फ जायज/हलाल के तरीके से कमाए गए पैसे से ही करने की मान्यता है। 
 
8. ईद-उल-जुहा के दिन बकरे, भेड़, ऊंट और भैंस पर कुर्बानी की जाती है, लेकिन उससे पहले कुर्बानी करते वक्त जानवर को किबला रुख लिटाकर दुआ पढ़ते हुए कुर्बानी करना चाहिए।
 
9. कुर्बानी के पहले यह देखना अतिआवश्यक है कि इस समय जानवर को किसी भी तरह की चोट या बीमारी न हो, तथा वह बिल्कुल स्वस्थ हो तभी कुर्बानी दें। 
 
10. इस्लाम धर्म में बीमार तथा चोट लगे हुए जानवर पर कुर्बानी जायज़ नहीं है, अत: मन में दया की भावना रखते हुए ऐसे पशु की कुरबानी ना दें। 
 
11. कुर्बानी के गोश्त के तीन बराबर हिस्से में बांटकर एक अपने घर के लिए, दूसरा रिश्तेदारों तथा दोस्तों एवं तीसरा हिस्सा गरीबों में बांटना चाहिए।
 
12. कहा जाता है कि बेशक कुर्बानी का गोश्त अल्लाह को नहीं पहुंचता है, लेकिन अल्लाह कुर्बानी के पीछे बंदें की नीयत को देखता है। अल्लाह की रजा हासिल करने का यह एक जरिया माना जाता है। 
 
13. आज के दिन अपने सुख, आराम को भूलकर खुद को इंसानियत की सेवा में लगाने का काम किया जाता है। 
 
14. ईद उल अजहा के दिन घर के बड़े सदस्यों को स्वार्थ्य से परे रहते हुए मानवता के कार्य करने चाहिए। rk.
 
ये भी पढ़ें
पंढरपुर की दिंडी यात्रा, क्या है विट्ठल एवं भक्त पुंडलिक की कहानी?