सचिन द्रविड़ से मिला नाम राचिन, विश्वकप डेब्यू पर 'मैन ऑफ द मैच' बनने वाले इस कीवी खिलाड़ी के पिता हैं बेंगलुरु से
17 नवंबर 2021 को जयपुर के सवाई मानसिंह स्टेडियम में खेले गए न्यूजीलैंड बनाम भारत के पहले टी-20 मुकाबले में इश सोढ़ी की जगह दूसरे भारतीय मूल के बल्लेबाज और पार्ट टाइम स्पिनर राचिन रविंद्र को कीवी टीम ने मौका दिया था। उस दिन राचिन रविंद्र का जन्मदिन भी था। उन्हें नहीं मालूम था कि वह विश्वकप की टीम में भी होंगे और डेब्यू पर शतक जड़कर मैन ऑफ द मैच भी जीतेंगे।
दरअसल उनके नाम के पीछे एक दिलचस्प कहानी है। राचिन रविंद्र के मां बाप भारतीय हैं। दोनों ही क्रिकेट में खासी दिलचस्पी रखते हैं। इनमें से एक सचिन तेंदुलकर का फैन है और एक राहुल द्रविड़ का। इन दोनों के नाम को ही मिलाकर दोनों माता पिता ने अपने बच्चे का नाम राचिन रखा था। अब देखिए यह बच्चा भी बड़ा होकर अपनी राष्ट्रीय टीम का क्रिकेटर बन गया।
वैसे राचिन रविंद्र के पूरे नाम को देखा जाए तो उसमें 3 नाम समाए हैं। सचिन तेंदुलकर, राहुल द्रविड़ और रविंद्र जड़ेजा।इसके साथ ही उनसे संबंधित एक कहानी और भी प्रचलित है। साल 2019 में बैंगलूरू में वह एक बार में विश्वकप फाइनल देख रहे थे और न्यूजीलैंड की हार पर अपना सिर पकड़कर बैठे हुए थे, और अब वह 1 शतक और 1 अर्धशतक इस विश्वकप में लगा चुके हैं।
उन्होने कहा “ हां, मुझे लगता है कि वे दोनों बहुत खास क्रिकेटर हैं। जाहिर है, मैंने बहुत सारी कहानियां सुनी हैं और बहुत सारे फुटेज देखे हैं। मुझे लगता है कि मेरे माता-पिता पर भारतीय क्रिकेटरों का काफी प्रभाव था। ”
यह पूछे जाने पर कि भारत में पहला अंतरराष्ट्रीय शतक बनाने पर उन्हें कितना गर्व है, जहां उनकी जड़ें हैं, रवींद्र ने कहा “ जब भी वह बेंगलुरु में होते हैं, जहां उनके दादा-दादी रहते हैं तो उन्हें पारिवारिक जुड़ाव का अहसास होता है। मैं अपने दादा-दादी और अन्य चीजों को देख पाता हूं, हां, यह बहुत अच्छा है।”
उन्होने कहा “मुझे लगता है कि शतक हमेशा विशेष होता है, लेकिन भारत में प्रदर्शन करने में सक्षम होने के मामले में यह बहुत अच्छा है। भारतीय जड़ों का होना अच्छा है। मेरे माता-पिता को वहां देखकर अच्छा लगा। जाहिर तौर पर भारत आना हमेशा अच्छा लगता है।”
गौरतलब है कि राचिन ने इंग्लैंड के खिलाफ पहले मैच में 96 गेंदो में 123 रन बनाए थे जिसमें 11 चौके और 5 छक्के थे। इससे पहले उन्होंने गेंदबाजी में हैरी ब्रूक का महत्वपूर्ण विकेट भी लिया था। यह सिर्फ एक तुक्का नहीं था क्योंकि नीदरलैंड के खिलाफ भी उन्होंने फंसी हुई स्थिति में 51 गेंदों में 51 रन बनाए। यही कारण है कि वह फिलहाल इस विश्वकप के सबसे सफल बल्लेबाज बन गए हैँ।