शनिवार, 21 दिसंबर 2024
  • Webdunia Deals
  1. समाचार
  2. मुख्य ख़बरें
  3. कोरोना वायरस
  4. heaps of bones piled up in vadodara cemeteries due to Corona
Written By
Last Modified: गुरुवार, 8 अप्रैल 2021 (15:57 IST)

गुजरात से दहलाने वाली तस्वीर, वडोदरा के श्मशान में लगे अस्थियों के ढेर

गुजरात से दहलाने वाली तस्वीर, वडोदरा के श्मशान में लगे अस्थियों के ढेर - heaps of bones piled up in vadodara cemeteries due to Corona
बुधवार की ही बात है जब महाराष्ट्र के बीड़ से एक भयावह तस्वीर सामने आई थी, जिसमें 8 शवों का एक ही चिता बनाकर अंतिम संस्कार किया जा रहा था। यह एक उदाहरण भर है। कोरोनावायरस (Coronavirus) काल देश के कई कोनों से इस तरह की भयावह और मार्मिक तस्वीर सामने आ रही हैं।  
 
यहां हम बात कर रहे हैं वडोदरा की, जहां एक श्मशान घाट पर अस्थियों की पोटलियां रखी हुई हैं। कह सकते हैं कि इन्हें लेने वाला ही कोई नहीं पहुंचा होगा। पिछले साल भी कई स्थानों पर इस तरह ‍की अस्थियों को इकट्‍ठा करके नदियों में विसर्जित किया गया था। दुखद पहलू यह है कि 'मोक्षधाम' में रखी इन अस्थियों को कब पवित्र नदियों के जल का स्पर्श होगा। मृत्यु के बाद होने वाले कर्मकांड तो शायद ही इन्हें नसीब हो पाएं। 
 
दरअसल, कोरोना से हुई मृत्यु वाले शव से बहुत से मामलों में परिजन भी दूर रहते हैं। जैसे-तैसे उनका अंतिम संस्कार भी श्मशान घाट में काम करने वाले लोग ही करते हैं। कोरोना के डर से लोग अस्थि संचय के लिए श्मशान नहीं पहुंचते, जबकि बहुत से मामले ऐसे भी होते हैं, जिनके आगे-पीछे कोई नहीं होता। 
 
वडोदरा में ही एक श्मशान घाट की देखरेख करने वाले एक व्यक्ति ने बताया कि जब कोई भी अस्थि संचय के लिए नहीं आता तो हम ही इन्हें इकट्‍ठा करके रख देते हैं। फिर कोई भी संस्था या फिर सरकारी तौर पर इन अस्थियों का विसर्जन किया जाता है। ये सिर्फ वडोदरा का ही मामला नहीं है, देश के हर हिस्से से इस तरह के डरावने समाचार आ रहे हैं।
 
उल्लेखनीय है कि वडोदरा से दिल दहलाने वाली एक और तस्वीर सामने आई थी, जब एक परिवार को अपने परिजन के शव को श्मशान ले जाने के लिए शववाहिनी या एंबुलैंस नहीं मिली। ताबड़तोड़ एक ठेले का इंतजाम किया गया और शव को किसी तरह अंतिम संस्कार के लिए ले जाया गया। चूंकि श्मशान नगरवाड़ा क्षेत्र से डेढ़ किलोमीटर दूर खसवाड़ी इलाके में स्थित था, इसलिए परिवार के सदस्यों को डेढ़ किलोमीटर तक शव को ठेले से श्मशान घाट ले जाना पड़ा।