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Last Updated : मंगलवार, 28 जुलाई 2020 (15:26 IST)

कोरोनावायरस से जुड़ी बड़ी खबर, पुणे में सामने आया देश का पहला वर्टिकल ट्रांसमिशन मामला

कोरोनावायरस से जुड़ी बड़ी खबर, पुणे में सामने आया देश का पहला वर्टिकल ट्रांसमिशन मामला - Covid-19 vertical transmission
पुणे। महाराष्ट्र के पुणे स्थित ससून अस्पताल में गर्भनाल के माध्यम से मां से बच्चे में कोरोना वायरस संक्रमण पहुंचने का देश में पहला मामला सामने आया है। डॉक्टरों ने इसे वर्टिकल ट्रांसमिशन करार दिया है।
 
संक्रमित मां के गर्भाशय में बच्चा होने पर वर्टिकल ट्रांसमिशन होता है और गर्भनाल के जरिए वायरस बच्चे तक पहुंच जाता है।
 
ससून अस्पताल की बाल रोग विभागाध्यक्ष डॉ आरती कीनीकर ने कहा कि जब कोई व्यक्ति संक्रमण का शिकार होता है तो वह मुख्य रूप से किसी ऐसी वस्तु के संपर्क में आता है जिससे संक्रमण हो सकता है।
 
उन्होंने कहा कि यदि मां संक्रमित है तो प्रसव के बाद स्तनपान कराने या अन्य किसी कारण से संपर्क में आने पर बच्चा संक्रमित हो सकता है।
 
कीनीकर ने कहा कि साधारण तरीके से समझें तो बच्चे को जन्म के समय संक्रमण नहीं होता, बल्कि तीन-चार दिन बाद हो सकता है।
 
उन्होंने कहा, 'लेकिन वर्टिकल ट्रांसमिशन का अर्थ है कि बच्चा जब गर्भाशय में है और मां संक्रमित है (उसमें लक्षण हो सकते हैं, नहीं भी हो सकते हैं) तो गर्भनाल के जरिए संक्रमण बच्चे में प्रवेश कर सकता है।'
 
डॉ. कीनीकर ने कहा कि इस मामले में प्रसव से पहले मां में कोविड-19 के लक्षण थे। ICMR ने सभी गर्भवती महिलाओं की जांच करना अनिवार्य कर दिया है, इसलिए महिला की जांच हुई लेकिन उसमें कोरोना वायरस की पुष्टि नहीं हुई।
 
डॉ. कीनीकर ने कहा कि बच्ची के जन्म के बाद उसकी नाक से लिए गए म्यूकस के नमूने और गर्भनाल की जांच की गई तो उसमें संक्रमण की पुष्टि हुई। नवजात को पृथक वार्ड में रखा गया। जन्म के दो-तीन दिन बाद शिशु को भी बुखार जैसे लक्षण दिखने लगे।
 
उन्होंने कहा कि बच्ची को गहन चिकित्सा में रखा गया और 2 सप्ताह के बाद वह ठीक हो गई। मां और शिशु को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है।
 
उन्होंने कहा कि जांच के दौरान इसकी पुष्टि हुई कि यह संक्रमण के ऊर्ध्वाधर हस्तांतरण का मामला था। हमने तीन सप्ताह तक इंतजार किया और एंटीबॉडी प्रतिक्रिया देखने के लिए मां और नवजात के रक्त के नमूनों की जांच की। दोनों के शरीर में एंटीबॉडी बन गई थी।
 
उन्होंने कहा कि उनके लिए यह बेहद चुनौतीपूर्ण मामला था। बच्ची को गंभीर रूप से कोरोना वायरस संक्रमण था और उसका सफलतापूर्वक उपचार करने के लिए बहुत अधिक ध्यान देना आवश्यक था।
 
ससून अस्पताल के डीन डॉ मुरलीधर ताम्बे ने कहा कि भारत में संक्रमण के ऊर्ध्वाधर हस्तांतरण का यह पहला मामला है। बच्ची का जन्म मई के अंतिम सप्ताह में हुआ था। अस्पताल के एक अन्य अधिकारी ने बताया कि नवजात और उसकी मां को 3 सप्ताह बाद छुट्टी दे दी गई थी। (भाषा)
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