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Last Updated : गुरुवार, 7 अक्टूबर 2021 (12:39 IST)

क्‍या है ‘रेस्टलेस एनल सिंड्रोम’, दुनिया का पहला मामला जिससे जूझ रहा जापानी नागरिक?

क्‍या है ‘रेस्टलेस एनल सिंड्रोम’, दुनिया का पहला मामला जिससे जूझ रहा जापानी नागरिक? - Corona side effect, restless anal syndrome, Japan
कोरोना के बाद लोगों में कई तरह के साइड इफैक्‍ट नजर आ रहे हैं, लेकिन जापान में एक ऐसा मामला भी सामने आया है, जिसमें मरीज न बैठ पा रहा है, न आराम कर पा रहा है और न ही ठीक-से चल फिर पा रहा है। जापान के इस 77 साल के बुजुर्ग में कोरोना का संक्रमण होने के बाद 'रेस्टलेस एनल सिंड्रोम' के बारे में पता चला है।

कोराना के बाद 'रेस्टलेस एनल सिंड्रोम' का यह दुनिया का यह पहला मामला है। इस सिंड्रोम के कारण मरीज का आराम करना मुश्किल हो गया है। चलने-फिरने और आराम करने पर मरीज की स्थिति और बिगड़ रही है।

इस स्थिति में मरीज के पैर में एक अलग तरह की सनसनी या झनझनाहट होती है। इसके कारण उसे बार-बार पैर हिलाने की इच्छा होती है। इसी वजह से वो आराम नहीं कर पाता। इसलिए एक जगह बैठने या आराम करने पर हालत और बिगड़ती है।

विशेषज्ञों के मुताबि‍क अभी इसकी वजह पता नहीं चल सकी है। ऐसा पहले कभी नहीं देखा गया, यह कुछ परिवारों में जैनेटिक हो सकता है, लेकिन जापानी बुजुर्ग वाला मामला पहली तरह का है। इसमें दवाओं और एक्सरसाइज बताकर इसका इलाज किया जाता है।

रेस्टलेस लेग सिंड्रोम फाउंडेशन के मुताबि‍क अमेरिका में 7 से 8 फीसदी आबादी इसी बीमारी से जूझ रही है। ऐसा क्‍यों हो रहा है यह कहना मुश्‍किल है। मेडिकल इतिहास में भी इस बीमारी का जिक्र नहीं के बराबर है। जापानी मरीज को जो परेशानी हुई वो इसी रेस्टलेस लेग सिंड्रोम का ही एक रूप है। इसमें पैरों की बजाए एनस यानी गुदाद्वार में भी दिक्‍कत हो सकती है। मरीज के गुदा में सेनसेशन होने के कारण उसके लिए बैठना और चलना मुश्किल हो जाता है।