Corona के इलाज में गठिया की दवा बन सकती है जीवनरक्षक  
					
					
                                       
                  
				  				
								 
				  
                  				  लंदन। कोरोनावायरस (Coronavirus) से गंभीर रूप से पीड़ित लोगों के उपचार में गठिया रोग में इस्तेमाल की  जाने वाली दवा जीवनरक्षक की भूमिका निभा सकती है। यह बात ब्रिटेन के एक अध्ययन में कही गई है जिसके परिणाम इस सप्ताह जारी किए गए।
				  																	
									  इसमें कहा गया है कि ब्रिटेन में गहन चिकित्सा कक्षों में भर्ती कोविड-19 रोगियों के उपचार में अब टोसिलिजुमैब और सरिलुमैब जैसी दवाएं दी जाएंगी जिससे मरीजों के अस्पताल में रहने की अवधि में दस दिन तक की कमी आ सकती है।
				  स्वास्थ्य एवं सामाजिक देखरेख विभाग ने कहा कि अध्ययन के परिणामों में पता चला कि गहन चिकित्सा  कक्षों में भर्ती होने के 24 घंटे के भीतर मरीजों को टोसिलिजुमैब और सरिलुमैब दिए जाने से मौत के जोखिम में 24 प्रतिशत तक की कमी आई।
				  						
						
																							
									  ये दवाएं आमतौर पर गठिया रोग के उपचार में इस्तेमाल की जाती हैं। विभाग ने कहा कि कोविड-19 के उपचार में इन दवाओं के इस्तेमाल से आगामी सप्ताहों और महीनों में अस्पतालों में मरीजों की संख्या कम हो सकती है।
				  																													
								 
 
 
  
														
																		 							
																		
									  सरकार और राष्ट्रीय स्वास्थ्य सेवा ने शुक्रवार को अद्यतन दिशा-निर्देशों में महामारी के उपचार में टोसिलिजुमैब के इस्तेमाल को बढ़ावा देने को कहा।
				  																	
									  ब्रिटेन के स्वास्थ्य मंत्री मैट हैंकॉक ने कहा कि टीकाकरण के साथ संबंधित अध्ययन का परिणाम विषाणु को परास्त करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।ब्रिटिश सरकार ने कहा कि देश के सभी अस्पतालों में टोसिलिजुमैब की आपूर्ति पहले से ही उपलब्ध है।(भाषा)