बर्मिंघम:राष्ट्रमंडल खेलों में भारत के ओलंपिक चैम्पियन नीरज चोपड़ा का ना भाग ले पाना भारतीय खेल प्रेमियों के लिए तो दुखद खबर थी ही लेकिन उनके प्रतिद्वंदी भी बर्मिंघम में उनको ना पाकर दुखी हैं।
पाकिस्तान के भाला फेंक एथलीट अरशद नदीम का कहना है कि उन्हें यहां राष्ट्रमंडल खेलों में भारत के ओलंपिक चैम्पियन नीरज चोपड़ा के खिलाफ प्रतिस्पर्धा की कमी महसूस होगी क्योंकि वे एक परिवार का हिस्सा हैं।
नीरज ने पिछले महीने विश्व चैम्पियनशिप में 88.13 मीटर के थ्रो से ऐतिहासिक रजत पदक जीता था जिसमें अरशद पांचवें स्थान पर रहे थे, हालांकि वह फाइनल्स के लिये क्वालीफाई करने वाले पहले पाकिस्तानी बने थे।
नीरज ने ग्रोइन स्ट्रेन के कारण राष्ट्रमंडल खेलों से हटने का फैसला किया जबकि अरशद के ग्रेनाडा के एंडरसन पीटर्स के साथ पोडियम पर रहने की उम्मीद है। पीटर्स स्वर्ण पदक के प्रबल दावेदार हैं जिन्होंने हाल में विश्व चैम्पियनशिप में स्वर्ण पदक जीता था।
अरशद ने कहा, नीरज भाई मेरा भाई है। मुझे यहां उसकी कमी खल रही है। अल्लाह उन्हें स्वस्थ रखे और मुझे जल्द उनके साथ प्रतिस्पर्धा करने का मौका मिले।
दक्षिण एशियाई खेलों में हुई थी दोस्तीभारत-पाक प्रतिद्वंद्वियों के बीच यह भाईचारा 2016 में गुवाहाटी में हुए दक्षिण एशियाई खेलों में हिस्सा लेने के दौरान शुरू हुआ।चार साल पहले जब एशियाई खेलों में नीरज ने स्वर्ण पदक जीता तो अरशद ने कांस्य पदक प्राप्त किया था। तब इस भारतीय ने पाकिस्तानी खिलाड़ी के प्रति गर्मजोशी नहीं दिखायी थी लेकिन अब ऐसा नहीं है।
अरशद ने कहा, वह अच्छा इंसान है। शुरू में आप थोड़ा रिजर्व रहते हो। जब आप एक दूसरे को जानने लगते हो तो आप खुलने लगते हो।
उन्होंने कहा, हमारे बीच बहुत अच्छी मित्रता है। मैं उम्मीद करता हूं कि वह भारत के लिये प्रदर्शन करना जारी रखे और मैं अपने देश के लिये अच्छा करता रहूं। हम दोनों ने प्रभावित किया है। हम एक परिवार की तरह हैं।
अरशद का विश्व चैम्पियनशिप में पांचवें स्थान पर रहना अच्छा प्रदर्शन कहा जा सकता है क्योंकि उन्होंने 2020 तोक्यो ओलंपिक के बाद चोट से वापसी की है। उन्हें अब भी यह कोहनी की चोट है।
पच्चीस साल के इस एथलीट ने कहा, टोक्यो ओलंपिक के बाद मैंने लंबे अंतराल के बाद विश्व चैम्पियनशिप में हिस्सा लिया, मैं अपने खेल के बारे में अच्छा महसूस कर रहा हूं। मुझे अब भी कोहनी में चोट है और इसका उपचार चल रहा है।
नीरज के ओलंपिक स्वर्ण पदक ने उन्हें पूरे देश की नजरों में रातों रात स्टार बना दिया। अरशद को वहां तक पहुंचने के लिये लंबा सफर तय करना है लेकिन उनका कहना है कि उन्हें अपनी सरकार से भी काफी समर्थन मिल रहा है।
अरशद ने कहा, जिस तरह से नीरज भाई को आपके देश में शोहरत मिल रही है, मुझे अपनी सरकार और लोगों से काफी समर्थन मिला है। मैं इसके लिये शुक्रगुजार हूं। गौरतलब है कि टोक्यो ओलंपिक में भी दोनों ही खिलाड़ियों के बीच मुकाबला था लेकिन नीरज ने भाला कहीं दूर फेंका था और नदीम उनके आसपास भी नहीं रहे थे।