नवरात्रि विशेष : कैसे बने माता के प्रमुख शक्तिपीठ
नवरात्रि व्रत शुरू हो चुका है। शक्ति स्वरूपा देवी मां की पूजा के लिए श्रद्धालु देश के प्रसिद्ध शक्तिपीठों में पहुंच रहे हैं। आप में से अधिकांश लोग माता के बहुत से शक्तिपीठों का दर्शन पहले भी कर चुके होंगे और बहुत से लोगों ने पुराणों आदि में इसके बारे में पढ़ा भी होगा। लेकिन क्या आपको पता है कि इन शक्तिपीठों का जन्म कैसे हुआ? इसकी संख्या कितनी हैं? यह शक्तिपीठ कहां-कहां हैं? और उसकी महत्ता क्या है?यूं तो मुख्य रूप से 51 शक्ति पीठ माने जाते हैं। लेकिन देवी भागवत पुराण में 108, कालिकापुराण में 26, शिवचरित्र में 51, दुर्गा सप्तशती और तंत्रचूड़ामणि में शक्ति पीठों की संख्या 52 बताई गई है। लेकिन संख्याओं के इन मकड़जाल से अगर आप बाहर निकलेंगे तो आप पाएंगे कि सभी शक्तिपीठों की स्थापना के बारे में जो कथा बताई जाती है वह एक ही है। शक्तिपीठ के बनने की कहानी : -