वेतन तो बढ़े पर जोखिम भी...
एक सर्वेक्षण के अनुसार भारत में वर्ष 2007 के दौरान लोगों की आमदनी और वेतन में 15 फीसदी औसत की दर से बढ़ोतरी हुई है, जो दुनिया में आमदनी बढ़ने की सबसे तेज दर है। और साल 2008 में भी वेतन वृद्धि की यही दर रहने की उम्मीद है। तब भी जबकि अर्थव्यवस्था धीमी रहने की संभावना है। तो वास्तव में यह पैसा आ कहाँ से रहा है? पैंतीस वर्षीय कार चालक भारत जाधव के लिए गुजरा साल बहुत अच्छा रहा है। भारत केवल सेकंडरी स्कूल तक पढ़े हुए हैं। एक दशक पहले जब वे मुंबई आए थे, तब उनके लिए एक नौकरी की तलाशकरना बेहद मुश्किल था। उनके जैसी योग्यता वालों के लिए बहुत कम नौकरियाँ हुआ करती थीं। भारत ने किसी तरह ड्राइवर की नौकरी हासिल की, पर तब उनका वेतन इतना कम हुआ करता था कि गुजारा चलना बहुत मुश्किल था। मगर अब भारत का वेतन एक महीने में 6 हजार रु.से ज्यादा होता है जिसका श्रेय वे पिछले 10 सालों में अर्थव्यवस्था में आई तेजी को देते हैं। अपनी कार की सफाई करते हुए भारत कहते हैं- 'अब कोई भी व्यक्ति मुंबई में एक ड्राइवर बनकर अच्छा पैसा कमा सकता है। हालाँकि वेतन तो मालिक की मर्जी पर ही निर्भर है। मेरा वेतन करीब 20 फीसदी प्रतिवर्ष बढ़ जाता है।'