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Written By पं. अशोक पँवार 'मयंक'
Last Updated : शुक्रवार, 6 अक्टूबर 2017 (19:39 IST)

न बनाएं कोई बहाना वरना पड़ेगा पछताना

न बनाएं कोई बहाना वरना पड़ेगा पछताना - न बनाएं कोई बहाना वरना पड़ेगा पछताना
दुनिया में दो तरह के लोग होते हैं। एक वे जो हमेशा बिजी रहते हैं। इनके हर अधूरे काम की वजह एक ही होती है, बिज़ी था, इसलिए कर नहीं सका। आप इनसे पूछिए कि आपको फलां जगह पहुंचने का वादा करके भी क्यों नहीं आए तो इनका जवाब होगा- 'बहुत बिजी था। आप अगर इनसे कहेंगे कि कम से कम फोन तो कर ही सकते थे तो उसके लिए भी इनका यही जवाब होगा- बहुत बिजी था।

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{C} ऐसे लोगों के लिए बिजी होना एक ऐसा बहाना है जिसका वे अपनी हर गलत बात, हर गलत आदत की रक्षा में इस्तेमाल करते हैं। वास्तव में बिजी होना और बिजी या व्यस्त होने की आदत का शिकार होना दो बिल्कुल अलग बातें हैं। जो व्यक्ति 10 कामों में से 8 कामों के न होने का कारण अपने को बिजी होना बताए तो समज लीजिए कि वह प्रोफेशनल होना ही नहीं चाहता।

समझ लीजिए कि वह व्यक्ति व्यस्त नहीं, व्यस्तता के मनोविकार का शिकार है। ऐसे लोग अकेले होते हुए भी अपने आप में पूरा माहौल होते हैं। ऐसे लोग आमतौर पर अपने दफ्तर पर बोझ होते हैं, क्योंकि ये बेहद अनुत्पादक होते हैं। ऐसे लोगों की नौकरी अगर किसी तिकड़म के चलते-चलती भी रहती है तब भी बॉस उससे खुश नहीं रहते क्योंकि यह बात हमेशा उसके दिलो दिमाग में रहती है कि अमुक व्यक्ति दफ्तर पर बोझ है।

अगर किसी व्यक्ति को अपने अधूरे कामों के लिए बहाने बनाने की आदत हो गई है तो फिर उसके अंदर का प्रोफेशनलिज़्म खत्म हो जाता है। उसकी ग्रोथ रुक जाती है और किसी नौकरी में रहते हुए यह सबसे बुरी स्थिति है कि आपकी उपस्थिति या अनुपस्थिति का कोई असर ऑफिस के काम पर न पड़े।

तो सबसे अहम बात यही है कि अपने प्रोफेशनलिज़्म को कायम रखते हुए छोटी छोटी बातों में बहाने बनाने से बचें और ऑफिस में खुद का महत्व साबित करने के प्रयास में जुट जाएं।