बजट में जेटली का जोर गांव, गरीब और किसानों पर...
नई दिल्ली। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बुधवार को संसद में बजट पेश किया। बजट में जेटली का जोर गांव, गरीब और किसानों के विकास पर दिखाई दिया। वित्तमंत्री अरुण जेटली ने इस साल के बजट में कृषि पर विशेष जोर देते हुए किसानों की आय अगले 5 साल में दोगुना करने की सरकार की प्रतिबद्धता दोहराई है तथा कृषि क्षेत्र के लिए वित्त वर्ष 2017-18 में कर्ज का लक्ष्य 1 लाख करोड़ रुपए बढ़ाकर रिकॉर्ड 10 लाख करोड़ रुपए किया है।
जेटली ने बुधवार को अपने बजट भाषण में कहा कि वित्त वर्ष 2017-18 में कृषि ऋण के लिए लक्ष्य रिकॉर्ड 10 लाख करोड़ रुपए तय किया गया है। सरकार पूर्वोत्तर तथा तथा जम्मू- कश्मीर में कृषि क्षेत्र के लिए ऋण प्रवाह सुनिश्चित करने के लिए विशेष उपाय करेगी।
सरकार 3 लाख रुपए तक अल्पकालीन फसल कर्ज सब्सिडीशुदा 7 प्रतिशत ब्याज दर पर उपलब्ध कराती है। कर्ज के समय पर भुगतान के लिए किसानों को प्रोत्साहन के रूप में 3 प्रतिशत की अतिरिक्त राहत दी जाती है। इस प्रकार फसल ऋण पर प्रभावी ब्याज दर 4.0 प्रतिशत बैठती है।
वित्तमंत्री ने रेखांकित किया कि चालू वित्त वर्ष में मानूसन के बेहतर रहने से कृषि क्षेत्र की वृद्धि दर चालू वित्त वर्ष में 4.1 प्रतिशत रहेगी। खरीफ और रबी दोनों फसलों की बुवाई अधिक रही है।
जेटली ने कहा कि पिछले साल शुरू की गई नई फसल बीमा योजना ‘प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना’ के लिए चालू वित्त वर्ष में आबंटन बढ़ाकर 13,240 करोड़ रुपए किया गया है, जो बजट प्रस्ताव में पहले 5,500 करोड़ रुपए था। अगले वित्त वर्ष के लिए बजट में इस योजना के लिए 9,000 करोड़ रुपए की व्यवस्था की गई है।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का दायरा 2016-17 में 30 प्रतिशत फसल क्षेत्र से बढ़ाकर 2017-18 में 40 प्रतिशत तथा 2018-19 में 50 प्रतिशत किया जाएगा।
वित्तमंत्री जेटली ने कहा कि अलग से 5,000 करोड़ रुपए के कोष से सूक्ष्म सिंचाई कोष बनाया जाएगा। उन्होंने कहा कि किसानों के लिए डेयरी अतिरिक्त आय का प्रमुख जरिया है। ऐसे में सरकार 2,000 करोड़ रुपए के शुरुआती कोष से डेयरी प्रसंस्करण कोष गठित करेगी जिसे 3 साल में बढ़ाकर 8,000 करोड़ रुपए किया जाएगा।
जेटली ने यह भी कहा कि सरकार ठेका कृषि मॉडल कानून बनाएगी जिसे राज्यों को उपलब्ध कराया जाएगा।