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Last Modified: शनिवार, 27 नवंबर 2021 (11:19 IST)

छोरी : फिल्म समीक्षा

छोरी : फिल्म समीक्षा - chhori, movie review in Hindi, Nushrratt Bharuccha, Vishal Furia
बॉलीवुड में बनने वाली ज्यादातर हॉरर फिल्में डराने में भी कामयाब नहीं होती हैं और उनकी कहानी लगभग एक जैसी ही होती है। हॉरर फिल्म 'छोरी' इस मायने में इसलिए अलग है क्योंकि यह डराने के साथ-साथ एक जरूरी मैसेज भी दर्शकों को देती है। ऊपरी तौर पर यह फिल्म आपको एक डरावनी फिल्म लगेगी जिसके केंद्र में एक गर्भवती महिला है, लेकिन यदि आप गहराई से सोचेंगे तो यह फिल्म हमारे समाज की भयावह सोच के बारे में है जो भूत से भी ज्यादा डरावनी है। 
 
छोरी हिट मराठी फिल्म का रीमेक है, जिसे निर्देशक विशाल फूरिया ने अभिनेत्री उषा नायक और पूजा सावंत के साथ बनाया था। विशाल ने ही हिंदी रीमेक का भी निर्देशन किया है। 
 
साक्षी का पति हेमंत कर्ज में घिरा है। साक्षी 8 महीने से प्रेग्नेंट हैं। पैसे नहीं चुका पाने पर धमकी मिलती है कि अंजाम बुरा होगा। इससे घबराकर पति-पत्नी अंडरग्राउंड होने का फैसला लेते हैं। वे अपने ड्राइवर के गांव को चुनते हैं जहां बहुत कम घर और लोग हैं। पति-पत्नी अंजान हैं कि इस गांव पर बुरी शक्तियों का साया है और भयावह इतिहास भी है। नवजात बच्चियों को अपशकुन के रूप में देखा जाता है। 
 
कहानी तो गांव की है, लेकिन कन्या भ्रूण हत्या पूरे भारत में होती है। इस कुरीति के खिलाफ फिल्म मजबूती से खड़ी होती है। फिल्म मनोरंजन करती है, डराती भी है, लेकिन साथ ही जरूरी मैसेज देने से भी नहीं चूकती।
 
'छोरी' फिल्म सेट होने में थोड़ा समय लेती है। शुरुआत में आपको यह उबाऊ लग सकती है। इसके बाद धीरे-धीरे यह असर बनाना शुरू करती है। लेकिन जैसे ही पूरी क्षमता के साथ बात रखी जाती है तो फिल्म दर्शकों पर मजबूत पकड़ बना लेती है। 
 
कुछ कमियां भी हैं, जिसे यहां इसलिए नहीं लिखा जाता सकता क्योंकि इससे आपका फिल्म देखने का मजा किरकिरा हो सकता है, लेकिन इन्हें इग्नोर किया जा सकता है। 
 
हॉरर फिल्म में बैकग्राउंड स्कोर की बहुत बड़ी भूमिका रहती है और केतन सोढ़ा का काम कमाल का है। यह डराता है। प्रोडक्शन डिजाइन की सराहनीय है। 
 
सिनेमेटोग्राफर अंशुल चौबे अपने कैमरावर्क से डर पैदा करने में सफल रहे हैं। फिल्म में लोकेशन और कैरेक्टर ज्यादा नहीं है, इससे सिनेमाटोग्राफर का काम कठिन हो जाता है, लेकिन अंशुल यह कमी महसूस नहीं होने देते। 
 
नुसरत भरूचा को अपने करियर में पहली बार इतना दमदार रोल मिला है, साथ ही उन्हीं के कंधों पर फिल्म टिकी है और उन्होंने यह जिम्मेदारी अच्छे से उठाई है। हालांकि उनकी एक्टिंग रेंज सीमित है, लेकिन उन्होंने अपनी स्क्ल्सि का अच्‍छा उपयोग किया है। 
 
मीता वशिष्ठ काफी सीनियर एक्ट्रेस हैं और इन दिनों कम ही नजर आती है। 'छोरी' के जरिये उनकी याद दर्शकों के दिमाग में फिर ताजा हो जाएगी। उनका अभिनय प्रभावशाली है। सौरभ गोयल ने भी अपना काम अच्छे से किया है। 
कुल मिलाकर 'छोरी' दर्शाती है कि भूतों से ज्यादा डरावनी बात तो इंसान की सोच है। 
  • निर्देशक : विशाल फूरिया 
  • कलाकार : नुसरत भरूचा, मीता वशिष्‍ठ, सौरभ गोयल
  • ओटीटी प्लेटफॉर्म : अमेजन प्राइम वीडियो 
  • रेटिंग : 3/5