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Last Modified: शुक्रवार, 11 नवंबर 2022 (16:22 IST)

Black Panther Wakanda Forever Movie review ब्लैक पैंथर वकांडा फॉरेवर: मूवी रिव्यू

Black Panther Wakanda Forever Movie review ब्लैक पैंथर वकांडा फॉरेवर: मूवी रिव्यू - Black Panther Wakanda Forever Movie review in Hindi in Hindi
अश्वेत सुपरहीरो को लेकर बनाई गई एमसीयू की पहली फिल्म ब्लैक पैंथर (2018) का सीक्वल है ब्लैक पैंथर : वकांडा फॉरेवर। ब्लैक पैंथर का किरदार निभाने वाले अभिनेता चाडविक बोसमैन की कैंसर के कारण अगस्त 2020 में मृत्यु हो गई थी और तब इस फिल्म के दीवानों को लगा था कि सीक्वल शायद नहीं बन पाए, लेकिन निर्देशक रयान कूगलर ने स्क्रिप्ट में कई बदलाव कर दूसरा भाग बनाया है, जिसके तार पहले भाग से जुड़े हुए हैं। चाडविक बोसमैन द्वारा छोड़े गए शून्य को भर पाना बहुत मुश्किल है, लेकिन फिल्म से जुड़े लोगों ने प्रयास जरूर किया है। फिल्म के अंत से स्पष्ट होता है कि ब्लैक पैंथर सीरिज का समापन अभी नहीं होगा और भविष्य में कुछ फिल्में देखने को मिल सकती हैं। 
 
रानी रामोंडा सिंहासन पर विराजमान है और वकांडा दुनिया का सबसे शक्तिशाली देश है। वाइब्रेनियम के बारे में सभी को पता चल चुका है क्योंकि अमेरिका की एक स्कूली लड़की ने वाइब्रेनियम खोजने की मशीन बना ली जिससे पता चला कि वकांडा के अलावा टलोकन में भी वाइब्रेनियम है। टलोकन के राजा नामोर को इस बात के लिए वकांडा पर शक होता है और इस वजह से दोनों देश आमने-सामने हो जाते हैं।
 
फिल्म की शुरुआत में ब्लैक पैंथर के नहीं रहने से उदासी भरा माहौल रहता है। एक शून्य उभर कर सामने आता है और कहानी बेहद गंभीर रहती है। फिर धीरे-धीरे वाइब्रेनियम वाला ट्रैक आता है और फिर नामोर की एंट्री होने पर फिल्म एक्शन की ओर शिफ्ट होती है। 
 
फिल्म का शुरुआती घंटा थोड़ा भारी है। यहां पर काफी लंबे-लंबे दृश्य हैं जो उबाऊ भी लगते हैं। नामोर शुरू में एक सकारात्मक किरदार लगता है, जो बाद में ग्रै शेड लेते हुए निगेटिव में तब्दील हो जाता है। उसका वकांडा पर शक करना और उसके शक को दूर करने का वकांडा की प्रिंसेस द्वारा अधिक प्रयास न करना अखरता है। बात इतनी बड़ी नहीं रहती कि इतनी बिगड़ जाए कि युद्ध की नौबत आ जाए। यहां पर और बेहतर सिचुएशन बनाई जानी थी। 
 
सीआईए एजेंट वाला ट्रेक भी कहानी पर बहुत प्रभाव नहीं डालता और महज फिल्म की लंबाई बढ़ाता है। क्लाइमैक्स जोरदार है और वैसा ही है जैसा कि सुपरहीरो की फिल्मों से उम्मीद की जाती है, लेकिन इसके लिए लंबा इंतजार करना पड़ता है।
 
फिल्म की इस बात के लिए तारीफ की जाती है कि सुपरहीरो की फिल्म में स्‍त्रियों के सशक्त किरदार हैं और वे अहम फैसले लेती हैं। 
 
निर्देशक रयान कूगलर ने ड्रामे के जरिये दर्शकों को लुभाने का प्रयास किया है, लेकिन स्क्रिप्ट ने ज्यादा साथ नहीं दिया। फिल्म की गति धीमी है और चौंकाने वाले लम्हें कम हैं। एक्शन की कमी भी महसूस होती है। 
 
प्रिंसेस शूरी के रूप में लेटिटिया राइट का अभिनय उम्दा है। दूसरी ओर नामोर के किरदार में टेनोच हुएरटा मेजिया भी जमे हैं। अन्य कलाकारों में एंजेला बैसेट और विंस्टन ड्यूक का अभिनय उल्लेखनीय है। 
 
फिल्म की सिनेमाटोग्राफी शानदार है। अंडर वॉटर वाले कुछ सीन बढ़िया फिल्माए हैं। थ्रीडी इफेक्ट में इनका प्रभाव बढ़ जाता है। टाइट एडिटिंग की जरूरत महसूस होती है। 
 
कुल मिलाकर 'ब्लैक पैंथर : वकांडा फॉरेवर' उम्मीदों से कम है। 
 
  • निर्देशक : रयान कूगलर
  • कलाकार : लेटिटिया राइट, टेनोच हुएरटा मेजिया, दानई गुरिरा, विंस्टन ड्यूक, एंजेला बैसेट 
  • रेटिंग : 2.5/5 
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