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बेवॉच: फिल्म समीक्षा

बेवॉच: फिल्म समीक्षा - Baywatch Film, Dwayne Johnson, Priyanka Chopra, Samay Tamrakar, Seth Gordon, Baywatch Review
लॉस एंजिल्स काउंटी लाइफगार्ड्स पर आधारित अमेरिकन एक्शन ड्रामा सीरिज 'बेवॉच' दुनिया भर में लोकप्रिय हुई थी। भारत में भी इसे देखने वाले दर्शक मौजूद थे जिनमें से अधिकतर पामेला एंडरसन को निहारने के लिए यह सीरिज देखते थे। समुंदर किनारे बिकिनी पहनी लड़कियां इसका प्रमुख आकर्षण हुआ करती थी। इसी शो से प्रे‍रित सेथ जॉर्डन ने 'बेवॉच' नामक फिल्म बनाई है जिसमें मिच बुकानन का लीड रोल ड्वेन जॉनसन ने निभाया है। प्रियंका चोपड़ा का फिल्म में होना भारतीयों के लिए आकर्षण की बात है। 
 
मिच (ड्वेन जॉनसन) बेवॉच में लाइफगार्ड्स का लीडर है। उसकी कंपनी तीन नए लाइफगार्ड्स रखती है जिसमें मैट ब्रूडी (जैक एफरॉन) भी शामिल है। मैट और मिच में बिलकुल नहीं बनती क्योंकि दोनों अपने को ज्यादा काबिल समझते हैं। समुंदर किनारे कुछ लोगों की रहस्यमय परिस्थितियों में मौत हो जाती है। मिच को शक है कि हंटले क्लब की नई मालकिन विक्टोरिया लीड्स (प्रियंका चोपड़ा) क्लब की आड़ में ड्रग्स की स्मगलिंग करती है, लेकिन उसके पास कोई सबूत नहीं है। पुलिस और नेता सब विक्टोरिया से मिले हुए हैं। मिच और मैट मिलकर किस तरह से विक्टोरिया को बेनकाब करते हैं, यह फिल्म का सार है। 
 
समुंदर का किनारा, खूबसूरत लड़कियां, ड्रग्स, अपराध जैसे चिर-परिचित फॉर्मूले होने के बाद भी यदि 'बेवॉच' दर्शकों को बांध नहीं पाती है तो इसका पूरा दोष कहानी और स्क्रीनप्ले पर मढ़ा जा सकता है। एक घिसी-पिटी कहानी पर फिल्म बनाई गई है जिसका कोई ओर-छोर नहीं है।
 
विक्टोरिया को अत्यंत शक्तिशाली और चालाक दिखाया गया है जिसने सभी से हाथ मिला लिया और जो तैयार नहीं हुए उन्हें रास्ते से हटा दिया, लेकिन मिच जैसे एक मामूली लाइफगार्ड उसका साम्राज्य हिला देता है, यह बात हजम नहीं होती। 
 
मिच जिस तरह से यह सब करता है वो ड्रामे को और अविश्वसनीय बनाता है। मिच और मैट बड़ी आसानी से अस्पताल में घुस जाते हैं। पुलिस थाने से रिपोर्ट्स चुरा लेते हैं। विक्टोरिया के याट और क्लब में बड़ी आसानी से छानबीन करते हैं। कहीं कोई रोक-टोक नहीं है। वे जो चाहते हैं, सरलता से हासिल कर लेते हैं। इससे फिल्म में जरा भी रूचि पैदा नहीं होती। 
 
स्क्रीनप्ले में मनोरंजन का अभाव है। मैट और मिच की कॉमेडी ज्यादा हंसा नहीं पाती। विक्टोरिया द्वारा दी गई पार्टी वाला प्रसंग इतना लंबा है कि ऊब पैदा होने लगती है। ड्वेन जॉनसन जैसा स्टार होने के बावजूद एक्शन सीक्वेंस कम रखना निराश करता है। फिल्म का क्लाइमैक्स हास्यास्पद है। फिल्म के सीजीआई बहुत कमजोर है। याट में आग लगने वाला दृश्य पूरी तरह नकली लगता है। इससे बेहतर काम तो बॉलीवुड में हो रहा है। 
 
निर्देशक सेथ अपने प्रस्तुतिकरण को रोचक नहीं बना पाए और उपलब्ध साधनों का ठीक से इस्तेमाल नहीं कर पाए। फिल्म में जो थ्रिल और ग्लैमर होना चाहिए था वो नजर नहीं आया। अधिकतर सीक्वेंस बोरियत से भरे हैं। 
 
अभिनय ही फिल्म का उल्लेखनीय पक्ष है। ड्वेन जॉनसन जोरदार तरीके से अपनी उपस्थिति दर्ज कराते हैं, लेकिन अफसोस इस बात का है कि निर्देशक उनका ठीक से उपयोग ही नहीं कर पाया। जैक एफरॉन का अभिनय भी शानदार है और ड्वेन का वे अच्छा मुकाबला करते हैं। 
 
लड़कियों में सिर्फ प्रियंका चोपड़ा को ही कुछ करने का मौका मिला, बाकी तो महज आई कैंडी बन कर रह गईं। प्रियंका को यह रोल किसी बॉलीवुड मूवी के लिए ऑफर हुआ होता तो वे ठुकराने में ज्यादा देर नहीं लगाती। केवल हॉलीवुड मूवी होने के कारण उन्होंने यह रोल किया है। उनका रोल लंबा नहीं है। जहां तक अभिनय का सवाल है तो उन्होंने अपने किरदार को स्टाइलिश लुक देने में ही सारी मेहनत की है। 
 
बेवॉच के लाइफगार्ड्स ने फिल्म में भले ही सैकडों लोगों की जान बचाई हो, लेकिन इस फिल्म को वे डूबने से नहीं बचा पाए। 
 
निर्माता : इवान रेइतान, टॉम पोलक, ब्यू फ्लिन, ड्वेन जॉनसन, माइकल बर्क, डानी गार्सिया, डगलस श्वार्टज़, ग्रेगरी जे बोनैन
निर्देशक : सेथ जॉर्डन
कलाकार : ड्वेन जॉनसन, प्रियंका चोपड़ा, जैक एफरॉन, एलेकज़ेंड्रा डैडारिओ, केली रोहरबैच, जॉन बास, इल्फेनेश हडेरा  
सेंसर सर्टिफिकेट : ए 
रेटिंग : 1.5/5
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