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Written By समय ताम्रकर

दबंग 2 : फिल्म समीक्षा

दबंग 2 : फिल्म समीक्षा -
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बैनर : अरबाज खान प्रोडक्शन्स
निर्माता : अरबाज खान, मलाइका अरोरा
निर्देशक : अरबाज खान
संगीत : साजिद-वाजिद
कलाकार : सलमान खान, सोनाक्षी सिन्हा, अरबाज खान, ‍प्रकाश राज, विनोद खन्ना, दीपक डोब्रियाल, माही गिल, करीना कपूर, मलाइका अरोर
सेंसर सर्टिफिकेट : यूए * 2 घंटे 9 मिनट

सलमान खान का इस समय वक्त चल रहा है। जिस चीज को वे छू देते है सोने की बन जाती है। हालात ये है कि यदि वे फिल्म में कैमरे के सामने दो घंटे खड़े भी रहें तो भी फिल्म ब्लॉकबस्टर हो जाएगी। उनके फैंस को सिर्फ सलमान से मतलब हैं और बाकी चीजें उनके लिए गौण हैं, तभी तो सलमान को स्पाइडर-मैन, बैट-मैन की तरह सल-मैन कहा जाने लगा है।

दबंग के जरिये सलमान के करियर में जबरदस्त उछाल आया और सीक्वल के इस दौर में भला वे अपनी ब्लॉकबस्टर फिल्म का सीक्वल कैसे ना बनाते। भाई अरबाज को निर्देशक बना कर ‘दबंग 2’ पेश कर दी गई है।

सलमान यदि फिल्म में हो तो निर्देशक का काम बेहद आसान हो जाता है क्योंकि उनके फैंस का ध्यान सिर्फ सलमान पर होता है। यही वजह है कि मामूली निर्देशक भी सलमान को लेकर सुपरहिट फिल्म बना चुके हैं।

अरबाज का काम भी काफी आसान रहा। कोरियोग्राफर्स ने आइटम सांग फिल्मा दिए और फाइट मास्टर ने एक्शन सीन। बची हुई फिल्म का भार सलमान के कंधों पर होता है। निर्देशक का काम नजर भर रखना होता है कि काम सही तरीके से हो।

दबंग 2 वही से आगे बढ़ती है, जहां दबंग खत्म हुई थी। अब चुलबुल शादीशुदा हो चुका है। लालगंज की बजाय बड़े शहर कानपुर में आ चुका है। बजरिया इलाके का थानेदार है। दुश्मन का नाम बदलकर छेदी सिंह की बजाय बच्चा सिंह हो गया है।

दबंग और दबंग 2 की कहानी में सिर्फ इतना ही फर्क है। बाकी किरदारों के रंग वही हैं। उनकी सारी हरकतें वही हैं। यहां तक की गानों के पिक्चराइजेशन और बोल भी दबंग जैसे लगते हैं। कन्फ्यूजन होता है कि दबंग देख रहे हैं या दबंग का सीक्वल।

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तमाम समानताओं के बावजूद दबंग के मुकाबले दबंग का सीक्वल इसलिए बेहतर है क्योंकि इस बार ट्रीटमेंट हल्का-फुल्का है। एक्शन के डोज को सीमित कर दिया गया है और पिता-पुत्र, पति-पत्नी की नोकझोक को बढ़ाया गया है।

विनोद खन्ना और सलमान के बीच रात में मकान की छत पर फिल्माए गए दृश्य उम्दा हैं जब सलमान अपने पिता से पूछता है कि वो और मां पहली बार कैसे मिले थे। दोनों का एक-दूसरे से सपने का उल्लेख कर प्यार जताने वाले सीन भी अच्छे बन पड़े हैं। दबंग में पिता-पुत्र के रिश्तों में खिंचाव था, लेकिन सीक्वल में वे सारी कड़वाहट को भूल जाते हैं।

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दबंग की तरह दबंग 2 में कहानी पर किरदार हावी हैं। यदि कहानी पर भी ध्यान दिया जाए तो सलमान ब्रांड का फायदा और भी बेहतर तरीके से उठाया जा सकता है। दबंग 2 की कहानी एकदम सपाट है, या कहना चाहिए कि कहानी जैसा कुछ नहीं है।

चुलबुल पांडे और बच्चा सिंह की सीधी टक्कर है, बिना किसी उतार-चढ़ाव के, और वो भी इंटरवल के बाद। इंटरवल तक तो चुलबुल की चुलबुली हरकते हैं। चुलबुल और बच्चा सिंह के बीच यदि अच्छा ड्रामा होता, बेहतरीन संवाद होते, तो बात ही कुछ और होती।

पांच फाइट सीन, चार गाने, थोड़े रोमांटिक शॉट, थोड़े इमोशनल सीन और एक बिना कमीज वाले सलमान के सीन के फॉर्मूले के बीच रहकर निर्देशक अरबाज खान ने एंटरटेनमेंट के ग्राफ को गिरने नहीं दिया और फिल्म में तेजी बनाए रखी, लेकिन दबंग से वे बेहद प्रभावित नजर आए और दो-तिहाई से ज्यादा फिल्म उन्होंने दबंग जैसी बना डाली। दबंग ब्रांड को वे और आगे ले जा सकते थे, लेकिन असफल रहे। प्रकाश राज जैसे सशक्त अभिनेता का भी वे ठीक से उपयोग नहीं कर पाए।

संगीत के मामले में दबंग की तुलना में दबंग 2 पीछे है, क्योंकि कुछ नया करने की कोशिश नहीं की गई है। पांडे जी सीटी मारे और दगाबाज रे दोहराव के शिकार हैं। यही हाल संवादों का है। ‘गुलाब जामुन से याद आया, तिवारी जी, आपका हार्निया का ऑपरेशन हुआ या नहीं’ जैसे संवादों से काम चलाया गया है।

सलमान खान ने पूरी फिल्म का भार अपने कंधों पर उठाया है। दबंग वाले मैनेरिज्म को दोहराया है। कही-कही उनके अभिनय में धर्मेन्द्र की झलक भी दिखाई देती है। एक्शन और कॉमेडी में वे जमे हैं। सलमान के रहते हुए दूसरे कलाकारों को फिल्म में बेहद कम समय मिला है। चुलबुल की बुलबुल सोनाक्षी सिन्हा बीच-बीच में कपड़े सुखाती रहती हैं, जिससे पता चलता रहता है कि वे भी फिल्म में हैं।

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प्रकाश राज फॉर्म में नजर नहीं आए, शायद उनके लायक सीन ही नहीं लिखे गए हैं। विनोद खन्ना एक खुशनुमा सरप्राइज के रूप में नजर आए। अरबाज खान ने माखी के किरदार के जरिये दर्शकों को थोड़ा हंसने का मौका दिया। दीपक डोब्रियाल, माही गिल, निकेतन धीर के पास करने के लिए ज्यादा कुछ नहीं था। करीना कपूर आइटम सांग में सुपर सेक्सी नजर आईं, वही मलाइका अरोरा खान ने भी एक गाने में डांस कर मुन्नी की याद दिलाने की कोशिश की है।

दबंग 2 एक तरह से दबंग का ही रीमेक है। इसमें नया कुछ नहीं है। दरअसल यह फिल्म उन लोगों के लिए है जिन्हें चुलबुल की चुलबुली हरकतें पसंद हैं।


रेटिंग : 2.5/5
1-बेकार, 2-औसत, 3-अच्छी, 4-बहुत अच्छी, 5-अद्भुत