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Last Updated : शुक्रवार, 3 जुलाई 2020 (17:41 IST)

मुकेश छाबड़ा का खुलासा, सुशांत सिंह राजपूत ने बिना स्क्रिप्ट पढ़े साइन की थी ‘दिल बेचारा’

मुकेश छाबड़ा का खुलासा, सुशांत सिंह राजपूत ने बिना स्क्रिप्ट पढ़े साइन की थी ‘दिल बेचारा’ - Sushant Singh Rajput said yes to Dil Bechara without even reading the script Mukesh Chhabra
दिवंगत एक्टर सुशांत सिंह राजपूत की आखिरी फिल्म ‘दिल बेचारा’ डिज्नी हॉटस्टार पर 24 जुलाई को रिलीज होने वाली है। निर्देशक मुकेश छाबड़ा और सुशांत के लिए ये सिर्फ एक फिल्म नहीं, बल्कि दोस्ती का प्रमाण है। एक कास्टिंग डायरेक्टर के तौर पर मुकेश छाबड़ा ने ही सुशांत को फिल्म ‘काई पो चे’ में कास्ट कर उन्हें बॉलीवुड में ब्रेक दिया था और उसके बाद से ही दोनों अच्छे दोस्त बन गये थे। वहीं, सुशांत ने अपने इस दोस्त की पहली फिल्म में हीरो बनकर दोस्ती का फर्ज निभाया। यहां तक कि सुशांत ने फिल्म की स्क्रिप्ट पढ़े बगैर ही मुकेश की फिल्म में काम करने के लिए हामी भर दी थी। इस बात का खुलासा खुद मुकेश छाबड़ा ने किया है।

मुकेश छाबड़ा ने कहा, “सुशांत को इस बात का एहसास था कि एक दिन मैं खु्द अपनी फिल्म बनाना चाहता हूं। ऐसे में सुशांत ने मुझसे वादा किया था कि जिस दिन मैं कोई फिल्म बनाने का फैसला करूंगा, वो मेरे साथ जरूर काम करेंगे।”



मुकेश ने ‘दिल बेचारा’ में सुशांत के साथ काम करने के बारे में कहा, “जैसे ही मैंने यह निश्चय किया कि मैं फिल्म बनाऊंगा, उसी वक्त मेरे मन में ख्याल आया कि मुझे फिल्म में एक बढ़िया एक्टर के साथ-साथ एक ऐसे शख्स की जरूरत है जो मुझे अच्छी तरह से समझे, जो मेरा करीबी हो और जो एक ऐसा शख्स जो हर हाल में मेरे इस सफर में मेरे साथ रहे।”

मुकेश ने आगे कहा, “मुझे याद है कि बहुत पहले सुशांत ने मुझसे वादा किया था कि जब भी मैं अपनी पहली फिल्म बनाऊंगा, वह इसमें मुख्य भूमिका निभाएंगे और उन्होंने अपना वादा निभाया। इसलिए जब मैंने उनसे दिल बेचारा के लिए संपर्क किया, तो उन्होंने तुरंत हां कह दिया, बिना स्क्रिप्ट पढ़े। हम दोनों का हमेशा से ही इस तरह का मजबूत किस्म का जज्बाती रिश्ता रहा था।”
 

उन्होंने आगे बताया, “सुशांत हमेशा‌ मुझे सीन इम्प्रूव करने में मदद किया करता था। वो मेरे साथ स्क्रिप्ट पढ़ा करता था और अगर किसी भी समय उसे लगता है कि रचनात्मक रूप से सीन में सुधार किया जा सकता है तो वह हमेशा मुझे बताता था। हम एक साथ बैठते थे और चर्चा करते थे।”
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