रंगून के बारे में हुए खुलासे
फिल्मकार विशाल भारद्वाज ने उन खबरों को सिरे से नकार दिया है जिनमें कहा गया था कि रंगून बॉयोपिक है। भारद्वाज की यह पीरियड ड्रामा 1940 के भारत की स्वतंत्रता की कोशिशों के समय की है और इसमें कुछ अंश इतिहास से प्रेरित हैं।
खबरें आई थीं कि फिल्म एक बॉयोपिक है परंतु भारद्वाज ने साफ कर दिया कि यह फिल्म उस दौर की किसी अभिनेत्री की जिंदगी की कहानी नहीं है। भारद्वाज ने कहा, "रंगून एक प्रेम त्रिकोण है। जिसका समयकाल द्वितीय विश्वयुद्ध है। उस समय का माहौल बनाया गया है परंतु फिल्म पूरी तरह से काल्पनिक है।"
फिल्म में कंगना रनौट एक अभिनेत्री जूलिया के किरदार में हैं और सैफ अली खान एक फिल्मकार हैं जो कंगना से प्यार करते हैं। शाहिद कपूर एक सैनिक हैं जिनका नाम नवाब मलिक है जो जूलिया से प्यार कर बैठता है। भारद्वाज ने कहा, "यह निश्चिततौर पर किसी की जिंदगी से प्रेरित नहीं है। चाहे वह न डरने वालीं नाडिया हों, मिस ज़ुबेनिसा, मिस पद्मा या रमोला। रंगून एक पीरियड ड्रामा है जिसमें सेंटर में एक त्रिकोणीय प्रेम कहानी है। यह एक बॉयोपिक नहीं है।"
विशाल भारद्वाज़ निर्देशित इस फिल्म का निर्माण नाडियाडवाला ग्रांडसन इंटरटैंमेट और वायकॉम 18 के बैनर तले हुआ है। फिल्म 24 फरवरी को रिलीज होगी।