आप और कांग्रेस 'उड़ता पंजाब' मसले से दूर रहें : अनुराग कश्यप
17 जून को 'उड़ता पंजाब' प्रदर्शित होने वाली है, लेकिन फिल्म को अब तक सेंसर से प्रदर्शन का सर्टिफिकेट नहीं मिला है। इस वजह से फिल्म के रिलीज पर संशय छा गया है।
पंजाब में फैले ड्रग्स के जहर को फिल्म में दिखाया गया है। कुछ लोगों का कहना है कि इससे पंजाब की छवि धूमिल होती है, लिहाजा फिल्म का प्रदर्शन रोका जाए।
सेंसर बोर्ड को भी फिल्म पर कई आपत्तियां हैं और उन्होंने फिल्म को अब तक सर्टिफिकेट नहीं दिया है। अंदर की खबर ये है कि फिल्म में 89 कट्स लगाए गए हैं। निर्माता ने इसे मानने से इंकार कर दिया है क्योंकि इससे फिल्म का सारा असर जाता रहेगा। साथ ही फिल्म के नाम और संवादों में से पंजाब हटाने को कहा गया है।
इन दिनों वैसे भी सेंसर बोर्ड की मनमानी बढ़ती जा रही है। केन्द्र सरकार बदलने के बाद सेंसर की सख्ती बढ़ी है। अश्लीलता या फूहड़ता को रोकने के लिए यह सख्ती सही भी लगती है, लेकिन किसी विचार को रोकना गलत बात है।
'उड़ता पंजाब' के कई निर्माताओं में से एक अनुराग कश्यप भी हैं। अनुराग की फिल्में अक्सर सेंसर की तंग गलियों में फंस जाती हैं। कई फिल्मों के लिए अनुराग ने लंबी लड़ाई भी लड़ी है। इस बार उनका साथ देने के लिए आप और कांग्रेस जैसी पार्टियां भी आ गई हैं, लेकिन अनुराग ने ट्वीट कर इन पार्टियों को दूर रहने के लिए कहा है। उनका कहना है कि ये मेरी और सेंसरशिप की लड़ाई है जिसे मैं लड़ूंगा।
उन्होंने कई ट्वीट किए हैं। एक ट्वीट में वे कहते हैं कि एक आदमी तानाशाही रवैया अपना रहा है और सेंसर बोर्ड उसका क्षेत्र है, वही मेरे लिए उत्तरी कोरिया है।
कश्यप ने ट्विटर पर एक पोस्ट में कहा है ‘‘मुझे हमेशा आश्चर्य होता था कि उत्तर कोरिया में रहने पर कैसा महसूस होगा। अब तो प्लेन पकड़ने की भी जरूरत नहीं है।’’ गौरतलब है कि सेंसर बोर्ड ने इस फिल्म में पंजाब के संदर्भ को लेकर कथित रूप से आपत्तियां जताई हैं जिसके बाद फिल्म में कुछ बदलाव हो सकता है।
पंजाब राज्य में मादक पदार्थों के सेवन और युवाओं पर इसके पड़ने वाले इसके दुष्प्रभाव पर बनी ‘उड़ता पंजाब’ में शाहिद कपूर, करीना कपूर खान, आलिया भट और दिलजीत दोसांझ ने मुख्य भूमिका निभाई है।
कश्यप ने कहा ‘‘उड़ता पंजाब से अधिक ईमानदार और कोई फिल्म नहीं है। और इसका विरोध करने वाला व्यक्ति या पार्टी वास्तव में ड्रग्स को बढ़ावा देने का दोषी है।’’
दरअसल पहलाज निहलानी जब से सेंट्रल बोर्ड ऑफ फिल्म सर्टिफिकेशन के मुखिया बने हैं तब से फिल्म निर्माता-निर्देशकों की परेशानी बढ़ गई है। विचारोत्तेजक फिल्म बनाने वाले निर्माता-निर्देशक खासे परेशान हैं।