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Written By WD

ताराचंद बड़जात्या : एक दार्शनिक, निर्माता और वितरक

फिल्मकार ताराचंद बड़जात्या की जन्म शताब्दी

ताराचंद बड़जात्या : एक दार्शनिक, निर्माता और वितरक -
-ब्रजभूषण चतुर्वेदी (बीबीसी)

फिल्म संसार व भारतीय सिनेमा के मनोरंजन पक्ष में एक नाम सदैव हर परिवार, हर दर्शक के साथ जाना जाता है। राजश्री प्रोडक्शन एवं उसके प्रमुख 'स्व. ताराचंद बड़जात्या' के रूप में। जिसने विगत अनेक वर्षों में वे नायाब फिल्में दर्शकों को दी हैं कि उनकी कृति को सदैव याद किया जाता रहेगा।

इसी प्रोडक्शन हाउस 'राजश्री' के प्रमुख स्व. ताराचंद बड़जात्या का यह शताब्दी वर्ष है, जो उनके जन्मदिवस 10 मई (1914) से शुरू हुआ है व आज 100 वर्ष का इतिहास इसकी उपलब्धियों को बता रहा है।

ताराचंद बड़जात्या एक विचारक, दार्शनिक निर्माता, वितरक थे जिनके द्वारा स्थापित राजश्री प्रोडक्शन ने गत अनेक वर्षों में अभी कोई 56 फिल्में प्रदान की हैं। हिन्दी, तमिल, तेलुगु, अंग्रेजी भाषा की परिवारों को आकर्षित करने वाली यादगार फिल्मों के साथ देश व दुनिया में वे फिल्में वितरित कीं, प्रदर्शन के क्षेत्र में जो नाम कमाया, वह अविस्मरणीय है।

10 मई 1914 को राजस्थान में जन्मे फिर 19 वर्ष की आयु में मोतीमहल थिएटर प्रालि से जुड़े इस व्यक्तित्व ने चेन्नई, हैदराबाद, बम्बई में फिल्म निर्माण, वितरण, प्रदर्शन की बेमिसाल उपलब्धियां प्रस्तुत की हैं, जो एक ‍इतिहास बन गई है। प्रारंभिक वर्षों के बाद 15 अगस्त 1947 को ताराचंदजी ने 'राजश्री' की नींव रखी एवं फिर पीछे मुड़कर कभी नहीं देखा। जेमिनी की फिल्म 1947 में चंद्रलेखा से चला यह सिलसिला एवं फिर आरती फिल्म निर्माण की बातें इतिहास का पन्ना बन गई।

1960 से 1914 तक राजश्री ने 56 फिल्में बनाईं व उसमें से 75-80 प्रतिशत फिल्में सुपरहिट रहीं। सैकड़ों फिल्में वितरित कीं, 50 से अधिक सिनेमा चलाए व एक यादगार संस्था बन गई। राजश्री प्रोडक्शन एवं वितरण क्षेत्र में राजश्री की फिल्में संस्कृति, संस्कार, संगीत, कहानियों, परिवारों के लिए वरदान सिद्ध हुई। न जाने कितने प्रमुख फिल्म कलाकार, निर्देशक, संगीतकार व लेखक इस संस्‍था ने दिए जिन्होंने राजश्री को आगे बढ़ाया ही।

भारतीय
सिनेमा के अनेक कलाकारों, संगीतकारों, निर्देशकों ने जो नाम राजश्री के बैनर से कमाया, वह बेमिसाल है। प्रत्येक सफल कलाकार ने राजश्री के दरवाजे पर दस्तक दी व फिल्म संसार में प्रवेश किया। संगीतकार रवीन्द्र जैन एवं राम-लक्ष्मण तो मानो राजश्री के लिए कर्णप्रिय संगीत देने के लिए ही पैदा हुए हैं, वहीं राखी गुलजार, रामेश्वरी, साधना सिंह, सचिन, देवश्री राय, मुकेश खन्ना, आलोकनाथ, माधुरी दीक्षित जैसे कलाकार भी इस संस्‍था की देन रहे हैं। मैंने राजश्री कार्यालय के बाहर बैठे हुए अनेक कलाकारों को काम के लिए बैठे देखा है, जो बाद में बहुत सफल प्रतिभाएं फिल्म संसार की बनीं।

जब राजश्री प्रोडक्शन सूरज आर. बड़जात्या की सलमान खान, सोनम एवं अनेक कलाकारों के साथ 'प्रेम रतन धन पाओ' के साथ आ रहे, जो फिल्म संसार की नई ऊंचाइयां छुएगी। क्या आप आरती, गीत गाता चल, अंखियों के झरोखों से, नदिया के पार, दोस्ती, हम आपके हैं कौन, चितचोर, सौदागर, सारांश जैसी फिल्मों को भूल सकते हैं, कदापि नहीं।

आइए, हम भी इस सफल निर्माता, विचारक, नए पौधों को अवसर देने वाले महान व्यक्तित्व को उनकी जन्म शताब्दी पर याद करें। वैसे उनका निधन 21 सितंबर को हुआ था, जो उनकी पुण्यतिथि भी जानी जाती है।

राजश्री प्रोडक्शन द्वारा बनाई गई 56 फिल्में
आरती (1962), एजेंट विनोद (76), असाइनमेंट बॉम्बे (78), अबोध (84), अलीबाबा मरजीना (77), अंखियों के झरोखों से (78), दर्द-ए-दिल (83), बाबुल (86), चितचोर (76), दोस्ती (64), दुल्हन वही जो पिया मन भाये (77), एक बार कहो (80), गीत गाता चल (75), गोपाल कृष्ण (79), हनीमून (73), हम कदम (80), हम आपके हैं कौन (94), प्रेमालयम (तेलुगु) (96), यूअर्स फॉर एव्हर (इं.) (94), जीवन-मृत्यु (70), जज्बात (80), जियो तो ऐसे जियो (82), मेरे भैया (73), मनोकामना (80), मान-अभिमान (80), मैंने प्यार किया (89), व्हेन लव्ह कॉल्स (इं.) (92), टिमो (स्पेनिश), टीमो (विश्व संस्करण), प्रेमापापी राजू (तेलुगु) (90), कारल ओल विटाई (तमिल) (90), ना पास विमल (मलयालम) (91), नदिया के पार (82), नैया (80), पिया का घर (72), पहेली (77), पायल की झंकार (80), फुलवारी (83), फुलवारी (भोजपुरी) (83), राधा और सीता (79), रक्षाबंधन (84), रिमझिम गीतों की (86), सौदागर (73), सौदागर (अंतरराष्ट्रीय संस्करण) (73), शिक्षा (79), सुनैना (79), सांच को आंच नहीं (79), सावन को आने दो (79), सुन सजना (82), सुन मेरी लैला (83), तपस्या (76), तराना (79), तुम्हारे बिना (82), सारांश (84), तकदीर (87), तूफान (75), उपहार (71), हम साथ-साथ हैं (99), हम प्यार तुम्हीं से कर बैठे (2002), मैं प्रेम की दीवानी (2003), उफ ये मोहब्बत (2004), विवाह (2006), ‍एक विवाह ऐसा भी (2008), इस लाइफ में (2010), लव्ह यू मि. कलाकार (2011), जान-पहचान (2011), प्रेम रतन धन पायो (2015)