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Last Updated : शुक्रवार, 6 अक्टूबर 2023 (10:38 IST)

विनोद खन्ना खेले थे टेस्ट प्लेयर्स के साथ क्रिकेट, फिल्म नहीं था पहला प्यार

विनोद खन्ना खेले थे कई क्रिकेट टेस्ट प्लेयर्स के साथ क्रिकेट | Vinod Khanna birth anniversary actor first love was cricket
vinod khanna birth anniversary: बॉलीवुड के हैंडसम हीरो की जब भी बात की जाएगी, उसमें विनोद खन्ना का नाम जरूर आएगा। कमाल की शख्सियत थी उनकी। जो देखता, देखता ही रह जाता। एक मर्द की जो परिभाषा होती है उस पर विनोद खन्ना खरे उतरते थे। कुछ लोगों को तो वे कामदेव नजर आते थे। अपने लुक के बल पर ही विनोद खन्ना फिल्म इंडस्ट्री में छा गए थे और कई सफल फिल्म उन्होंने दी। सत्तर और अस्सी के दशक में अमिताभ बच्चन का दौर था, लेकिन विनोद खन्ना उनकी बराबरी पर पहुंच गए थे। यदि उनके मन की बैचेनी रजनीश के आश्रम नहीं ले जाती तो हो सकता था कि अमिताभ से भी विनोद आगे निकल जाते। ऐसा कई लोगों का मानना है। 
 
विनोद खन्ना ने बॉलीवुड में लंबी पारी खेली, या यूं कहे कि दो पारी खेली। एक रजनीश की शरण में जाने के पहले और दूसरी रजनीश से मोह भंग होने के बाद। सफलता के शिखर से उन्होंने फिल्मों को अलविदा कह दिया था और जब लौटे तो शिखर पर पहुंचना आसान नहीं था। पहुंच भी नहीं पाए, लेकिन दूसरी पारी भी विनोद खन्ना ने दमदार तरीके से खेली और फिर अभिनेता से राजनेता बन गए। 


 
विनोद का फिल्मी करियर बहुत लंबा रहा और ज्यादातर का मानना है कि फिल्म उनका पहला प्यार था, लेकिन नहीं जनाब फिल्म से ज्यादा उन्हें क्रिकेट पसंद था और एक समय तो ऐसा भी था जब वे क्रिकेट में अपना करियर बनाने की सोच रहे थे। 
 
मुंबई के एक कॉलेज से विनोद कॉमर्स की डिग्री में ग्रेज्युएट हुए। स्कूल के दौरान ही उन पर फिल्मों का भूत सवार हो गया था, लेकिन कॉलेज के दौरान वे क्रिकेट को भी बेहद पसंद करते थे। वे क्रिकेट बहुत उम्दा खेलते थे और सेकंड डाउन यानी कि चौथे नंबर पर बल्लेबाजी करने उतरते थे। बुद्धि कुंदरन और एकनाथ सोलकर जैसे टेस्ट प्लेयर्स के साथ उन्होंने हिंदू जिम में क्रिकेट खेला। 


 
उस दौर में गुंडप्पा विश्वनाथ नामक बल्लेबाज का बहुत नाम था। कहते हैं कि उनसे बेहतर स्क्वैयर कट मारने वाला आज तक कोई भारतीय बल्लेबाज नहीं हुआ। विशी के विनोद भी फैन थे। अनजाने में उन्होंने अपनी और विशी की बल्लेबाजी की तुलना कर डाली और अपने आपको कमतर पाया। विनोद को यह अहसास हुआ कि वे विश्वनाथ नहीं बन सकते, लिहाजा क्रिकेट में करियर बनाना फिजूल है। 
 
विनोद ने क्रिकेट छोड़ा और ग्लैमर वर्ल्ड की ओर चल पड़े। मैदान पर नहीं सही, लेकिन स्टूडियो में उन्होंने अभिनय की बेहतरीन पारी खेली। फिर भी, क्रिकेट दिल में बसा रहा। एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा भी था कि फिल्म नहीं, क्रिकेट मेरा पहला प्यार है। 
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