संजय लीला भंसाली की वो श्रेष्ठ 5 फिल्में जिन्होंने बनाया उन्हें दिग्गज निर्देशक
संजय लीला भंसाली का शुमार वर्तमान दौर के बॉलीवुड के दिग्गज फिल्म निर्देशकों में होता है। संजय भव्य फिल्म बनाने के लिए जाने जाते हैं जिसमें मधुर गाने होते हैं। वे अभिनेत्रियों को बहुत ही खूबसूरत तरीके से स्क्रीन पर पेश करने के लिए जाने जाते हैं। संजय की कुछ फिल्में सफल रही तो कुछ असफल, लेकिन उन्हें प्रतिभाशाली फिल्मकार माना जाता है। पेश है संजय लीला भंसाली द्वारा निर्देशित 5 बेस्ट मूवीज़:
1) खामोशी द म्यूजिकल (1996)
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कलाकार: सलमान खान, मनीषा कोइराला, नाना पाटेकर
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अवॉर्ड्स: फिल्मफेअर अवॉर्ड फॉर बेस्ट फिल्म (क्रिटिक्स)
संजय लीला भंसाली ने 1996 में 'खामोशी द म्यूजिकल' नामक फिल्म से अपना करियर बतौर निर्देशक शुरू किया। कई फिल्म समीक्षक मानते हैं कि यह उनके करियर की अब तक की बेस्ट फिल्म है। यह एक ऐसी लड़की की कहानी है जिसके माता-पिता मूक-बधिर हैं। लड़की को गाने में दिलचस्पी है और वह अपना करियर संगीत में बनाना चाहती है। लड़की की अपने माता-पिता से बांडिंग को भंसाली ने इतनी खूबसूरती के साथ दिखाया है कि भावनाओं का ज्वार दर्शकों में उमड़ता है। फिल्म में कई मधुर गाने हैं जो बेहद लोकप्रिय हुए। नाना पाटेकर और मनीषा कोइराल ने फिल्म में कमाल की एक्टिंग की। यह फिल्म बहुत सरल, सहज और सादगी वाली है। इसके बाद भंसाली फिल्म को भव्य बनाने में जुट गए। बॉक्स ऑफिस पर यह फिल्म असफल रही थी।
2) देवदास (2002)
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कलाकार : शाहरुख खान, ऐश्वर्या राय, माधुरी दीक्षित
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अवॉर्ड्स: नेशनल फिल्म अवॉर्ड फॉर बेस्ट पॉपुलर फिल्म, फिल्मफेअर अवॉर्ड फॉर बेस्ट फिल्म, फिल्मफेअर अवॉर्ड फॉर बेस्ट डायरेक्टर
देवदास भारतीय फिल्मकारों का प्रिय पात्र और उपन्यास रहा है। पहले भी कई भाषाओं पर इसमें अनेक फिल्म बन चुकी हैं। भंसाली ने भी भव्यता के साथ 'देवदास' को पेश किया। शाहरुख, ऐश्वर्या और माधुरी जैसे बड़े सितारे इस फिल्म में नजर आएं। भंसाली ने कुछ बदलाव भी किए जो पारंपरिक लोगों को पसंद नहीं आए। इस फिल्म को मिश्रित प्रतिक्रिया मिली और बॉक्स ऑफिस पर भी फिल्म ने औसत प्रदर्शन किया। फिल्म के गानों का जिस तरह से फिल्मांकन किया गया वो आज भी याद किया जाता है। शाहरुख ने बेहतरीन अभिनय किया और ऐश्वर्या-माधुरी फिल्म में कमाल की सुंदर नजर आईं।
3) ब्लैक (2005)
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कलाकार : अमिताभ बच्चन, रानी मुकर्जी
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अवॉर्ड्स: नेशनल फिल्म अवॉर्ड फॉर बेस्ट फीचर फिल्म (हिंदी), फिल्मफेअर अवॉर्ड फॉर बेस्ट फिल्म, फिल्मफेअर अवॉर्ड फॉर बेस्ट फिल्म (क्रिटिक्स), फिल्मफेअर अवॉर्ड फॉर बेस्ट डायरेक्टर
मिशेल ऐसी लड़की है जो देख और सुन नहीं सकती है। उसका टीचर देबराज उसे कुछ सिखाने की कोशिश करता है जो अल्ज़ाइमर से पीड़ित है। देबराज जानता है कि उसका काम कठिन है, लेकिन वह हार नहीं मानता। उसका संघर्ष देखने लायक है। अमिताभ बच्चन और रानी मुकर्जी का परफॉर्मेंस आज भी याद किया जाता है। भंसाली ने इस रिश्ते को बेहद बारीकी और खूबसूरती से स्क्रीन पर उतारा है। फिल्म की सिनेमाटोग्राफी की भी खासी चर्चा रही। बॉक्स ऑफिस पर फिल्म औसत रही।
4) बाजीराव मस्तानी (2015)
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कलाकार : रणवीर सिंह, दीपिका पादुकोण, प्रियंका चोपड़ा
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अवॉर्ड्स: नेशनल फिल्म अवॉर्ड फॉर बेस्ट डायरेक्शन, फिल्मफेअर अवॉर्ड फॉर बेस्ट फिल्म, फिल्मफेअर अवॉर्ड फॉर बेस्ट डायरेक्टर
बाजीराव मस्तानी की प्रेम कहानी पर फिल्म बनाने की इच्छा भंसाली बरसों से दिल में दबाए हुए थे। सलमान खान और ऐश्वर्या राय को लेकर उन्होंने यह फिल्म बनाने की योजना बनाई थी, लेकिन दोनों में ब्रेकअप हो जाने के कारण भंसाली की इच्छा पूरे होने में वक्त लग गया। रणवीर सिंह और दीपिका पादुकोण की जोड़ी में उन्हें वही त्रीवता नजर आई तो उन्होंने यह फिल्म बनाई। भंसाली ने बाजीराव और मस्तानी की प्रेम कहानी को इतने बेहतरीन तरीके से पेश किया कि दर्शक उनके प्यार और दर्द को महसूस करते हैं। काशीबाई के किरदार और पक्ष को भी भंसाली ने मजबूती के साथ फिल्म में रखा। फिल्म के गानों का फिल्मांकन भव्य दिखाई दिया। प्रियंका और दीपिका बहुत खूबसूरत लगी और उनके डांस ने भी मन मोहा। रणवीर सिंह तो बाजीराव ही दिखाई दिए। बॉक्स ऑफिस पर फिल्म हिट रही।
5) पद्मावत (2018)
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कलाकार : दीपिका पादुकोण, रणवीर सिंह, शाहिद कपूर
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अवॉर्ड: नेशनल फिल्म अवॉर्ड फॉर बेस्ट म्यूजिक डायरेक्शन, फिल्मफेअर अवॉर्ड फॉर बेस्ट म्यूजिक डायरेक्टर
रानी पद्मावती की कहानी पर भंसाली ने यह फिल्म बनाई जो रिलीज के पहले विवादों से घिर गई थी और मुश्किल से फिल्म का प्रदर्शन हो पाया। पद्मावती, रतन सिंह और अलाउद्दीन खिलजी के किरदारों के इर्दगिर्द यह फिल्म घूमती है। फिल्म के अंत में रानी पद्मावती का जौहर वाला सीक्वेंस दर्शकों के रोंगटे खड़ा कर देता है। हालांकि अलाउद्दीन के किरदार पर ज्यादा फोकस करने के कारण भंसाली की आलोचना भी हुई थी, लेकिन जिस भव्य तरीके से उन्होंने यह ड्रामा पेश किया इसके लिए उनकी खूब सराहना भी हुई। यह भंसाली के करियर की सबसे बड़ी हिट साबित हुई।