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कटाक्ष करती है 'चल गुरु हो जा शुरू' : हेमंत पाण्डेय

कटाक्ष करती है 'चल गुरु हो जा शुरू' : हेमंत पाण्डेय - Chal Guru Ho Jaa Shuru, Hemant Pandey
लोकप्रिय टी वी धारावाहिक "ऑफिस ऑफिस" के पाण्डेजी यानी हेमंत पाण्डेय द्वारा अभिनीत फिल्म 'चल गुरु हो जा शुरू' 30  जनवरी को रिलीज़ हो रही है। हेमंत की यह फिल्म आज के हमारे धर्म गुरु की जिंदगी पर कटाक्ष करती है। किस तरह से धर्म गुरु और बाबा अपनी कुत्सित इच्छाओं को पूरा करने के लिए आम जनता को मूर्ख बनाते हैं। हिमालयन ड्रीम्स के बैनर तले बनी इस फिल्म के निर्देशक हैं मनोज शर्मा। पेश है हेमंत पाण्डेय से बातचीत के मुख्य अंश : 
फिल्म का नाम कुछ अलग-सा है "चल गुरु हो जा शुरू",  आखिर कहानी क्या है फिल्म की?                          
'चल गुरु हो जा शुरू'  कहानी है उन धर्म गुरुओं और बाबाओं की, जो जनता को मूर्ख बनाते हैं। हमने अपनी फिल्म के जरिये संदेश दिया है कि इन धर्म गुरुओं या बाबाओं पर अंधविश्वास मत कीजिए।  
 
आपकी क्या भूमिका है ?
मैंने धर्म गुरु का किरदार अभिनीत किया है। 
 
क्या तैयारियाँ करनी पड़ी इस किरदार को अभिनीत करने के लिए? 
मैं उत्तराखंड का रहने वाला हूँ। उत्तराखंड को देव भूमि भी कहा जाता है। वहां तो कदम-कदम पर मंदिर हैं। बचपन से ही मैं देखता आया हूँ मंदिर के पुजारी और बाबाओं को। इसके अलावा पिछले कुछ दिनों बड़े बाबा और बापू हमारे यहाँ काफी चर्चित रहे तो टीवी चैनल पर उनको देखा और बाकी सब हमारी फिल्म के निर्देशक मनोज ने जैसा कहा मैंने किया।   
 
जैसा की आपने कहा कि आपने इस फिल्म में धर्म गुरु की पोल खोली है ऐसा तो फिल्म "पीके " में भी दिखाया गया है। उसका विरोध किया लोगों ने। आपकी फिल्म के साथ भी वही सब हुआ तो?  
जैसे कुछ लोग अच्छे और कुछ लोग बुरे होते हैं, वैसे ही कुछ गुरु अच्छे और कुछ बुरे होते हैं। हमने भी वही सब दिखाने की कोशिश की है अपनी फिल्म में। जो बुरे हैं उनसे बचें, अंधभक्ति ना करें। 
 
आपकी आने वाली फ़िल्में कौन कौन सी हैं ?    
निर्देशक मनोज शर्मा की एक और फिल्म कर रहा हूँ "प्रकाश इलेक्ट्रॉनिक्स"। इसमें मैं ऋषिता भट्ट के साथ हूँ। फिर "वाह ताज " है जिसमें मैं भ्रष्ट राजनीतिज्ञ बना हूँ। श्रेयस तलपदे और मंजरी फडणीस मुख्य भूमिकाओं में हैं। इसके बाद राजीव रुइयाँ की "लखनवी इश्क़" है जिसमें मैं मुख्य खलनायक हूँ। चोर बाज़ारी और लॉलीपॉप हैं। एक फिल्म और है जो कि मेरे लिए बहुत ही अहम है "डॉटर्स ड्रीम्स"। इसमें मैंने सात भूमिकाएं अभिनीत की हैं। इस फिल्म को काफी सराहना और अवॉर्ड मिल चुके हैं। 
 
इस साल दर्शक आपको सिर्फ हास्य भूमिकाओं में नहीं बल्कि अलग-अलग किरदारों में देख सकेगें?
मेरी यही कोशिश है कि अपने प्रशंसकों का मैं मनोरंजन करूँ। कभी उन्हें हँसाऊं और कभी डराऊँ।