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Last Modified: रविवार, 3 अक्टूबर 2021 (12:43 IST)

रितिक रोशन को पसंद नहीं आई थी 'वॉर' की स्क्रिप्ट, बोले- उस वक्त मैं सुपर 30 जैसे रियल सिनेमा...

रितिक रोशन को पसंद नहीं आई थी 'वॉर' की स्क्रिप्ट, बोले- उस वक्त मैं सुपर 30 जैसे रियल सिनेमा... - 2 years of war hrithik roshan rejected after reading script
बॉलीवुड सुपरस्टार रितिक रोशन ने सिद्धार्थ आनंद द्वारा निर्देशित और आदित्य चोपड़ा द्वारा निर्मित दिल की धड़कनें बढ़ा देने वाली अपनी एक्शन एंटरटेनर 'वॉर' से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया था। यह विजुअल स्पेक्टेकल भारतीय सिनेमा के इतिहास की एक आल-टाइम ब्लॉकबस्टर साबित हुई थी। 

 
रितिक रोशन ने अपने सहज आकर्षण तथा सांस रोक देने वाले एक्शन सीक्वेंस में महारत के दम पर देश को दीवाना बना दिया था। इस जबरदस्त हिट फिल्म की दूसरी सालगिरह के मौके पर रितिक ने 'वॉर' की स्क्रिप्ट के बारे में अपनी सबसे पहली प्रतिक्रिया का खुलासा किया। 
 
रितिक ने कहा, हां, यह एक जटिल प्रतिक्रिया थी। जब मैंने स्क्रिप्ट पढ़ी, तो मुझे उसमें ऐसा कुछ भी नहीं दिखाई दिया, जिससे मैं उत्साहित हो जाता। यह बहुत ही हल्की और सतही-सी चीज थी और उस वक्त मैं सुपर 30 जैसे 'रियल' सिनेमा की दुनिया में डूबा हुआ था। मेरी प्रतिक्रिया सुनकर सिड और आदि दोनों भागकर मेरे घर आए और मुझे इस फिल्म को ढंग से समझने में महज 5 मिनट का समय लगा। आदि का कहना था कि इसे मैं धूम 2 जैसी एंटरटेनर की नजर से देखूं।
 
रितिक बताते हैं, इसके बाद हम बैठे और पूरी स्क्रिप्ट को दोबारा देखना शुरू किया। इस बार मुझे भरपूर मजा आया और अपनी नादानी का एहसास भी हुआ। कभी-कभी यह समझना जरूरी हो जाता है कि डायरेक्टर स्क्रिप्ट की व्याख्या किस प्रकार से करना चाहता है। सिड के साथ 'बैंग बैंग' में काम करने के चलते मुझे उनकी बातों पर भरोसा हो गया। 
 
उन्होंने कहा, मैंने इसे कबीर वाले किरदार के दम पर फिल्म में वजन और गहराई पैदा करने के अवसर की तरह देखा, जो आम तौर पर ऐसी एक्शन फिल्मों में कहीं दिखाई नहीं पड़ता। इस पहलू ने वाकई मेरे अंदर जोश भर दिया। मेरे खयाल से ऐसी फिल्में, जो 'इतनी गहरी नहीं' होतीं, बनाने का सबसे अच्छा तरीका यह है कि उनमें ऐसे किरदार मौजूद हों, जो वाकई काफी गहरे हों। तब तो मजा ही आ जाता है।
 
रितिक रोशन भारत की अब तक की सबसे बड़ी एक्शन एंटरटेनर फिल्म बनाने का श्रेय आदित्य चोपड़ा और सिद्धार्थ आनंद के विजन को देते हैं। रितिक की राय है- मैं पूरे आत्मविश्वास के साथ कह सकता हूं कि फिल्म-मेकर के रूप में यह सिड आनंद और आदि चोपड़ा का शानदार विजन ही था, जिसने इसे मौजूदा शक्लोसूरत दी। एक कंट्रीब्यूटर के रूप में मुझे 'वॉर' का हिस्सा बन कर बड़ा मजा आया और फिल्म को मिले रिस्पॉन्स ने मुझे अपने दिल की बात सुनने तथा पूरे मन व अंतरात्मा से काम करने की हिम्मत दी है।
 
रितिक ने अपने अब तक के काम की बदौलत खुद के लिए और इंडियन फिल्म इंडस्ट्री के लिए हमेशा नए बेंचमार्क स्थापित किए हैं। ‘वार’ ने भी एक्शन, डांस और स्केल के मामले में बेंचमार्क स्थापित किए- यह फिल्म एक स्पेक्टेकल थी। यह पूछने पर कि उनको कौन-सी चीज जॉनर की सीमाएं लांघने वाला सुपरस्टार बनाती है, वह जवाब देते हैं, व्यक्तिगत रूप से मैं एडवेंचर का दीवाना हूं और यह दीवानगी कहीं न कहीं मेरे काम में और जिन लोगों के साथ मैं जुड़ता हूं, उन पर छलक जाती है। 
 
पेशेवर रूप से एक्टिंग को मैंने हमेशा अलग-अलग तरह की कहानियों और उन ऑनस्क्रीन किरदारों के माध्यम से जी कर देखा है, जो खुशकिस्मती से मुझे मिले हैं। मैं सहज भाव से फिल्में चुनता आया हूं, मुझे अलग मनोविज्ञान, व्यक्तित्व और अनुभवों के सहारे खुद को तलाशने और डूब जाने में आनंद मिलता है।
 
रितिक आगे बताते हैं, यह कवायद एक इंसान के रूप में मेरा विस्तार ही करती है, मुझे अपने परिवेश और आसपास मौजूद लोगों के प्रति अधिक संवेदनशील बनाती है। हर फिल्म ने मुझे एक मनुष्य के रूप में गढ़ा है। यह कुछ नया सीखने और पहले से सीखी हुई चीजों को भुला देने वाला सफर साबित हुआ है। लर्न और अनलर्न करने की ये दोनों बातें मुझे वाकई बड़ी प्यारी लगती हैं। 
 
उन्होंने कहा कि हां, जोखिम तो मौजूद थे और अनजानी राहों पर चल पड़ने की कोशिश चुनौतीपूर्ण हो सकती है, लेकिन इसमें रोमांच भी शामिल होता है। अपने लिए नई-नई चीजें करते हुए मैं पूरी तरह से उत्तेजित हो उठता हूं। मैं किसी दूसरे के सामने मिसाल कायम करने के लिए नहीं, बल्कि खुद के लिए काम करता हूं। यही चीज मुझे गतिशील बनाए रखती है। 
 
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