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Last Updated : मंगलवार, 25 नवंबर 2014 (17:03 IST)

उंगली-ज़ेड प्लस-जिद: क्या होगा बॉक्स ऑफिस पर?

उंगली-ज़ेड प्लस-जिद: क्या होगा बॉक्स ऑफिस पर? - उंगली-ज़ेड प्लस-जिद: क्या होगा बॉक्स ऑफिस पर?
नवम्बर का महीना बॉलीवुड के लिए निराशा लेकर आया। अब तक इस महीने में रिलीज हुईं सारी फिल्में बॉक्स ऑफिस पर असफल रही हैं। 'द शौकीन्स' के लिए अक्षय कुमार जैसा सितारा भी भीड़ नहीं खींच पाया। किल दिल से यशराज फिल्म्स जैसे प्रतिष्ठित बैनर ने भी नुकसान उठाया। सैफ अली खान की हैप्पी एंडिंग ने तो पानी तक नहीं मांगा। रंग रसिया जैसी फिल्म को भी दर्शकों ने भाव नहीं दिया। हैप्पी न्यू ईयर के बाद रिलीज हुईं सारी फिल्में फ्लॉप रही हैं। नवम्बर के अंतिम शुक्रवार तीन फिल्में, उंगली, जिद, और ज़ेड प्लस, रिलीज होने जा रही हैं। क्या ये निराश चेहरों पर मुस्कान लाने में सफल रहेंगी। 
उंगली
सबसे पहले चर्चा करते हैं 'उंगली' की। इसके निर्माता करण जौहर हैं, लेकिन करण ने फिल्म के प्रमोशन में जिस तरह से कंजूसी की है, लगता ही नहीं है कि यह उनके बैनर की फिल्म है। क्या करण को भी अपनी फिल्म कर विश्वास नहीं है? यह प्रश्न दिमाग में उठना स्वाभाविक है। दरअसल यह फिल्म जबसे बनना शुरू हुई है तब से मुसीबत में है। फिल्म में संजय दत्त भी हैं। उन्हें पता था कि सजा होने वाली है इसलिए उनके हिस्से की शूटिंग ताबड़तोड़ तरीके से की गई। जाहिर सी बात है कि समझौते भी करना पड़े होंगे। फिर इमरान हाशमी का बेटा गंभीर बीमारी का शिकार हो गया और फिल्म की शूटिंग रूक गई। बाद में कलाकारों की तारीख हासिल करना बहुत मुश्किल होता है और यह करण जौहर जैसे बड़े निर्माता के लिए भी मुश्किल है। किसी तरह फिल्म रिलीज के लिए तैयार है, लेकिन फिल्म की हीरोइन कंगना रनौट इसे प्रमोट नहीं करना चाहती। जब कलाकारों की ही रूचि फिल्म में खत्म हो गई हो तो दर्शकों में फिल्म के प्रति रूचि पैदा करना अत्यंत कठिन है। फिल्म के ट्रेलर भी आकर्षित करने में असफल रहे हैं। श्रद्धा कपूर से आइटम नंबर करवाया गया है ताकि फिल्म में ताजगी पैदा हो, लेकिन यह दांव भी चल नहीं पाया है। एक भी गाना हिट नहीं हुआ है। फिल्म एक ऐसी गैंग की कहानी है जो भ्रष्टाचारियों को सबक सिखाती है। कहानी घिसी-पिटी लग रही है और सारा दारोमदार प्रस्तुतिकरण पर टिका हुआ है। निर्देशन रेंसिल डिसिल्वा का है जिनका ट्रैक रिकॉर्ड कुछ खास नहीं है। लगता नहीं है कि फिल्म अच्छी ओपनिंग भी करेगी। कुल मिलाकर उंगली के लिए राह कठिन है। 
 
जिद
जिद में कोई बड़ा स्टार नहीं है, लेकिन कंटेंट बोल्ड है और यही इस फिल्म की यूएसपी है। अपराध और सेक्स का तड़का लगाकर कहानी को पेश किया गया है और सिंगल स्क्रीन सिनेमाघर की ऑडियंस को देख फिल्म बनाई गई है। कम लागत में तैयार यह फिल्म टिकट खिड़की पर अच्छा बिजनेस कर सकती है। मल्टीप्लेक्स के दर्शकों को यह फिल्म शायद ही लुभाए।
 
ज़ेड प्लस
ज़ेड प्लस अन्य दोनों फिल्मों से हटके है और यही इसकी खासियत है। कहानी ऐसे आम आदमी की है जिसे जेड प्लस की सुरक्षा मिल जाती है। फिल्म एक खास दर्शक वर्ग के लिए बनाई गई है जो मल्टीप्लेक्स में मूवी देखता है। इस फिल्म से भी उम्मीद है कि यह अच्छा बिजनेस कर सकती है।