सलमान-KRK केस : उधार की रोशनी से चमकने वाले कमाल खान
बदनाम हुए तो क्या हुआ, नाम तो हुआ। इस बात पर खुद को अभिनेता और नम्बर वन क्रिटिक मानने वाले कमाल आर खान का बहुत विश्वास है। फिल्मों के रिव्यू करते समय कलाकारों को गाली देना, ऊंटपटांग बातें करना उनका प्रसिद्धी पाने का तरीका है। उनकी इन बातों में कुछ लोगों को रस मिलता है इसलिए सोशल मीडिया पर उनके खासे फॉलोअर्स हैं जिनको केआरके खूब ऊंची-ऊंची देते रहते हैं। मसलन, फलां कलाकार या निर्देशक ने मुझे फोन किया कि मेरी फिल्म की बुराई मत करना। फलां आदमी ने गिड़गिड़ाकर कहा कि मेरी तारीफ करना। कलाकारों के साथ उनके कुछ फोटो हैं जिनका इस्तेमाल भी वे करते रहते हैं। इस वजह से थोड़ी विश्वसनीयता भी उन्होंने हासिल कर ली है। सितारों को गाली देकर थोड़ी उधार की रोशनी उन्हें मिलती है जिससे उन्हें भ्रम हो गया है कि वे भी सितारों से कम नहीं है।
अतीत में कई कलाकारों से उनका पंगा हुआ है तो कुछ लोग उन्हें इग्नोर कर देते हैं। हाल ही में सलमान खान के वकीलों ने उन्हें नोटिस दिया है क्योंकि उन्होंने ब्रैंड सलमान के बारे में गलत बातें की। कमाल यही तो चाहते थे क्योंकि इस तरह की बातें उन्हें चर्चाओं में बनाए रखती है। चर्चा उनके लिए ऑक्सीजन की तरह है। कमाल ने इस बात को इस तरह पेश किया कि उन्होंने सलमान खान की फिल्म राधे की लपक के बुराई की है इसलिए सलमान नाराज हो गए हैं और उन्हें कोर्ट में घसीट रहे हैं।
कमाल खान इस बात को मुद्दा बनाकर लोकप्रियता बटोरने में लगे हैं जबकि सलमान खान तो कभी भी उनकी फिल्मों के रिव्यू की परवाह ही नहीं करते। सलमान की फिल्मों के ज्यादातर रिव्यू आलोचना से भरे होते हैं इसके बावजूद बॉक्स ऑफिस पर उनकी फिल्में धन बरसाती हैं। ऐसे में कमाल के बुरे बोलने से उनका क्या नुकसान हो जाएगा?
कमाल खान किस तरह के इंसान हैं, ये एक वाकये के जरिये पता चलता है। 2014 के लोकसभा चुनाव के समय उन्होंने कहा था कि यदि नरेंद्र मोदी देश के प्रधानमंत्री बनते हैं तो वे देश छोड़ देंगे। जब मोदी पीएम बने तो लोगों ने कमाल को उनका वादा याद दिलाया। उन्होंने छ:-सात दिन देश छोड़ने की नौटंकी की और फिर कहा कि बीजेपी के एक प्रमुख लीडर ने उन्हें फिर से देश में आने के लिए कहा तो वे आ गए। सुशांत सिंह राजपूत की मृत्यु को लेकर भी उन्होंने कई ट्वीट्स किए जबकि खुद सुशांत की फिल्मों और सुशांत के अभिनय को लेकर विवादास्पद टिप्पणी करते थे।
फिल्म समीक्षा में किसी फिल्म की बुराइयों के जिक्र करने से किसी को भी आपत्ति नहीं है, लेकिन जब पर्सनल लेवल पर बातें हों और अपशब्दों की भरपार हो तो यह आपत्तिजनक है। कमाल खान यही करते हैं। बिलो द बेल्ट आक्रमण केवल डरपोक ही करता है और यही कमाल कर रहे हैं। फिलहाल मामला अदालत में हैं। सलमान की ओर से स्पष्ट कर दिया गया है कि राधे के रिव्यू से कोई समस्या नहीं है, सलमान को लेकर कई आपत्तिजनक बातें केआरके ने कही है उससे है। देखते हैं कि मामला कहां तक पहुंचता है।