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Last Modified: बुधवार, 4 जनवरी 2017 (10:46 IST)

पेट साफ़ रखने के इन तरीकों से रहें सावधान

पेट साफ़ रखने के इन तरीकों से रहें सावधान - Clean stomach
डॉक्टरों ने उन लोगों को सतर्क किया है जो अपने पेट को साफ़ रखने के लिए प्रचलित तरीकों को बड़ी सक्रियता के साथ आज़माते हैं। इस सिलसिले में एक महिला का उदाहरण दिया गया है जो हर्बल उपचार लेने के साथ बहुत ज़्यादा पानी पीती थी। ऐसा करने से वह गंभीर रूप से बीमार हो गई थी।
47 साल की इस महिला को मिल्टन कीन्स हॉस्पिटल के आईसीयू में रखना पड़ा था। हालांकि इलाज के बाद वह महिला ठीक हो गई थी लेकिन डॉक्टरों का कहना है कि डरावने 'डिटॉक्सिंग' (पेट साफ़ करने के लिए अपनाए जाने वाले तरीके) को लेकर हमें सतर्क रहना चाहिए।
 
त्योहारों के बाद आपको ये तरीके लुभा सकते हैं लेकिन ये तरीके मेडिकल साइंस के हिसाब से सही नहीं हैं। इसे लेकर ब्रिटिश मेडिकल जर्नल में रिपोर्ट छपी है। इस महिला ने कई हर्बल तरीकों का इस्तेमाल किया था। इसने कई वैकल्किप उपचारों को भी आजमाया था। ये तरीके थे-
 
*कांटेदार पौधों का दूध
*मोल्कोसन
*आई-थीनीन (ग्रीन टी में पाया जाता है)
*गल्टमाइन
*विटामिन बी कंपाउंड
*वर्वेइन
*वर्लेइअन रूट
 
महिला के पार्टनर ने कहा कि वह बहुत ज़्यादा पानी पीती थी। उन्होंने कहा कि बीमार पड़ने से पहले उसने ग्रीन टी, सेज टी का भी जमकर सेवन किया था। हॉस्पिटल में भर्ती होने से पहले वह महिला चक्कर खाकर गिर पड़ी थी। मेडिकल टेस्ट से पता चला कि उस महिला के शरीर में नमक (सोडियम) बहुत निचले स्तर पर पहुँच गया था।
 
मरीज़ों द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले हर्बल तरीकों पर हुए रिसर्च में एक मामला सामने आया था। इसमें पाया गया कि एक आदमी सोडियम की कमी के कारण दौरे की चपेट में आ जाता था। उस आदमी में ऐसे लक्षण भारी मात्रा में हर्बल उपायों के सेवन के कारण विकसित हुए थे। वह भी इन्हें इस्तेमाल करता था-
 
*वर्लेइअन रूट
*लेमन ब्लेम
*पैशन फ्लावर
*होप्स
*कैमोमिल
 
डॉक्टरों ने अपनी रिपोर्ट में बताया है, ''यूके में कॉम्पिलिमेंट्री मेडिसिन मार्केट काफी लोकप्रिय है और 'डिटॉक्स' करने के लिए ये प्राकृतिक उत्पाद लोगों को खूब लुभाते हैं। नए साल में इसकी मांग भी बढ़ जाती है। जो भी इन उपचारों को आजमाते हैं वे इन औषधियों को लेकर मेडिसिन सबूत से बेख़बर होते हैं। 
 
ज़्यादा पानी पीकर पेट साफ़ करने का तरीका भी काफी लोकप्रिय है। इसके पीछे तर्क दिया जाता है कि ज़्यादा पानी पीने से शरीर की गंदगी निकल जाएगी। इन औषधियों के बारे में कहा जाता है कि इनके कोई साइड इफ़ेक्ट नहीं होते हैं।
 
ब्रिटिश डिटेक्टिंग एसोसिएशन का कहना है कि 'डिटॉक्सिंग' के सारे उपाय बकवास हैं। इसके एक प्रतिनिधि ने कहा, ''इस मामले में कोई गोली या पेय, पैच या लोशन नहीं है, जो जादू की तरह काम करे। हमारे शरीर में कई अंग हैं।
 
इनमें स्किन, आंत, पेट और किडनी हैं जो सिर से लेकर पैर तक 'डिटॉक्सिंग' का काम करते रहते हैं। पानी से भरपूर रहना एक बढ़िया उपाय हो सकता है लेकिन बहुत ज़्यादा पानी पीना, कम पानी पीने की तरह ही ख़तरनाक है। इसलिए बढ़िया आहार और नियमित रूप से शारीरिक गतिविधियाँ करते रहना ही ख़ुद को सेहतमंद रखने का एकमात्र असरदार तरीका हैं।
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