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Written By ND
Last Modified: सोमवार, 29 नवंबर 2010 (17:41 IST)

ऑटो उपकरण बाजार देगा 13 लाख रोजगार

भारतीय ऑटो इंडस्ट्रीज
- आशुतोष वर्मा
भारतीय ऑटो इंडस्ट्रीज से अलग ऑटो कलपुर्जों का बाजार गर्म हो चला है। मैक्केंजी एंड कॉर्पोरेशन द्वारा जारी ताजा रिपोर्ट के मुताबिक, 2015 तक ऑटो कलपुर्जों का बाजार 39,000 से 44,000 करोड़ रुपए तक पहुँच जाएगा जो फिलहाल 24,000 करोड़ रुपए का है। वहीं, इस बढ़ते कारोबार के लिए कुशल लोगों की जरूरत पड़ने वाली है। वहीं औद्योगिक प्रतिनिधियों ने ऑटो उपकरण सेक्टर के लिए नौकरियों और कारोबार का आधार बनाना शुरू कर दिया है।

मैक्केंजी एंड कॉर्प और सीआईआई द्वारा बनाई गई 'भारतीय वाहन बाजार में अवसर' शीर्ष पर जारी रिपोर्ट में कहा गया कि भारत में ऑटोमोटिव सेक्टर 11 फीसदी प्रतिवर्ष की दर से बढ़ रहा है। ऑटोमोटिव सेक्टर एक ऐसे मोड़ पर आ गया है जहाँ वाहन कलपुर्जों में बढ़ोतरी, ज्यादा जटिल उपकरण, कीमत संबंधित संवेदनशील ग्राहक और भारत में वितरण और आउटसोर्सिंग संदर्भ में वैश्विक आपूर्तिकर्ताओं का विस्तार दर्ज किया जा रहा है।

रिपोर्ट में अनुमान लगाया गया है कि आगामी पाँच सालों में मोटर उपकरण और सेवाओं की माँग दोगुनी से भी अधिक हो जाएगी। रिपोर्ट के अनुसार कंपनियों को अपनी क्षमता दोगुनी करने के लिए अतिरिक्त निवेश की जरूरत महसूस हो रही है। साथ ही वाहनों के जटिल उपकरण और सेवाओं को विस्तार करने के लिए कुशल कर्मचारियों की संख्या में इजाफा करने पर विचार तेजी से चल रहा है जिसकी घोषणाएँ कंपनियाँ लगातार कर भी रही हैं।

बाजार के बाद ऑटोमोटिव कारोबारियों के लिए बाजार में ढेरों अवसर मौजूद हैं। इस बात की ओर भी संकेत हैं कि बाजार के परिपक्व होने पर कंपनियों का मार्जिन नीचे आ सकता है। साथ ऑटोमोटिव कारोबारी कुछ कदम उठा रहे हैं जैसे मूल्यों पर कब्जा करने के लिए अतिरिक्त साधनों का मूल्यांकन करना, सर्विस नेटवर्क का विस्तार, ब्रांडेड जेनेरिक उपकरण विकसित करना आदि।

मूल उपकरण निर्माताओं (ओईएम) के लिए बाजार काफी फायदेमंद है और उनके पास बाजार में विस्तार करने के लिए भरपूर संभावनाएं हैं। एक अनुमान के मुताबिक, ओईएम के कुल कारोबार में बाजार के बाद की कुल हिस्सेदारी 24 फीसदी है, जबकि मुनाफे में इसका योगदान 55 फीसदी है। तेजी से बढ़ रहे स्वतंत्र बाजार में ओईएम और आपूर्तिकर्ता ब्रांडेड जेनेरिक उपकरणों के निर्माण पर लागत पर कब्जा करने का फायदा भी उठा रहे हैं, जिसका कुल बाजार 3,000 से 4000 करोड़ रुपए का है।

रिपोर्ट में मुताबिक, बाजार में 30 फीसदी माल नकली उपकरणों का रहता है। नकली उपकरण बाजारों का हिस्सा निकालने के बाद कुल मैन्युफैक्चरिंग कारोबार 10,500 करोड़ का है। इस आँकड़े में ओईएम का हिस्सा 39 फीसदी, ओईएस का हिस्सा 34 फीसदी और जेनेरिक निर्माताओं का हिस्सा 27 फीसदी है। लिहाजा इन आँकड़ों से समझा जा सकता है कि जेनेरिक ब्रांडेड उपकरणों का बाजार भी लोगों के लिए नए रोजगार पैदा कर रहा है। वितरकों जिनका कुल मार्जिन करीब 15 फीसदी रहता है उनका मुनाफा करीब 2,500 करोड़ रुपए है।

भारतीय कार बाजार करीब 6,000 से 7,000 करोड़ रुपए का है जो कि कुल वाहन बाजार का 34 फीसदी है।


मारुति ने बनाई 4000 लोगों को रोजगार देने की योजना - देश की सबसे बड़ी कार निर्माता कंपनी मारुति सुजुकी ने चालू वित्तवर्ष के दौरान और ज्यादा इंडस्ट्रीयल ट्रेनिंग इंस्टिट्यूट को अपनाने का फैसला लिया है ताकि वह अपने उत्पादन लक्ष्य को हासिल कर सके। मारुति सुजुकी के कार्यकारी प्रबंधक एस.वाई. सिद्दीकी ने बताया कि फिलहाल कंपनी देशभर में 17 आईटीआई का परिचालन कर रही है जिन्हें वित्तवर्ष 2010-11 में बढ़ाकर 53 करने की योजना है। उन्होंने कहा कि अब तक 500 उम्मीदवारों को कंपनी में शामिल किया है।

कंपनी आगामी महीनों के दौरान 500 से 600 अतिरिक्त आईटीआई विद्यार्थियों को शामिल करने की योजना बना रही है। नए आईटीआई गुजरात, महाराष्ट्र, कर्नाटक, तमिलनाडु, गोवा, केरल, बिहार और राजस्थान में बनाए जाने की योजना है। सिद्दीकी ने बताया कि कंपनी देशभर में अतिरिक्त 4,000 प्रशिक्षित कर्मचारियों को जोड़ने की योजना बना रही है। इसमें से 1,600 कर्मचारियों को ऑटोमोबाइल उद्योग में लिए जाने की योजना है।
(नईदुनिया, दिल्ली)