फिर नया शुभ प्रभात करें : नई गज़ल
मधु टाक | बुधवार,जून 7,2023
नज़रों से ही नहीं अधरों से भी कुछ तो बात करें
कोरा है जीवन का कागज़ लफ्ज़ों की बरसात करें
कहने को तो सारी दुनिया ...
मां पर हिंदी में कविता : माँ आचमन है, माँ उपवन है...
मधु टाक | मंगलवार,मई 9,2023
सर्वश्रेष्ठ कृति माँ
माँ अर्थ है रिश्तों का
माँ नाम है भरोसे का
माँ उपवन है
माँ निर्वहन है
माँ आचमन ...
प्रेम की पाती प्रीतम के नाम
मधु टाक | रविवार,फ़रवरी 13,2022
हर राज दिल का तुम्हें बताने को जी चाहता है
हर इक सांस में तुम्हें बसाने को जी चाहता है
यही है मेरे प्यार,नेह और ...
प्रेम कविता : मिलूंगी तुम्हें वहीं प्रिये
मधु टाक | शुक्रवार,जनवरी 14,2022
मिलूंगी तुम्हें वहीं प्रिये
तारों से जब आंचल सजाओगे
सीपों से गहने जड़वाओगे
प्रीत में तेरी राधा सी बनकर
मन में जब ...
संक्रांति पर कविता : पर्व ऐसा मनाए
मधु टाक | शुक्रवार,जनवरी 14,2022
आओ ऐसी पतंग उड़ाएं
सरहद के सब भेद मिटाएं
चाहत रहे न कोई बाकी
उत्सव ऐसा आज मनाएं
आओ ऐसी..................
आयशा, तुम मुश्किलों से नहीं,अपनों की बेवफाई से हारी हो...
मधु टाक | गुरुवार,मार्च 4,2021
तुमने यह कैसी कर दी नादानी, बैठकर नदिया के पास नहीं सीखा लहरों से निर्बाध बहना, कितने तुफान और भवंर सीने में छुपा कर बस ...