नए आनंद बाज़ार की नींव डालने वाला फैसला
प्रभु जोशी | शनिवार,अक्टूबर 6,2018
यह तथ्य हमें एक बड़े विस्मय से भरता है कि इन दिनों देशभर के इलेक्ट्रॉनिक और प्रिंट मीडिया में एक ऐसे महाजश्न का माहौल ...
भारतीय समाज की प्रकृति बावलेपन से लबरेज
प्रभु जोशी | बुधवार,दिसंबर 2,2015
यह आकस्मिक नहीं कि हमारे इस कमजोर बौद्धिक आधार वाले मौजूदा भारतीय समाज की प्रकृति पिछले कुछ दशकों से एक निरे बावलेपन से ...
खाने के बाद खप्पर फोड़ने वाला महा-ब्राह्मणवाद
प्रभु जोशी | सोमवार,अक्टूबर 19,2015
एक नव-स्वतंत्र राष्ट्र में, कलाओं और साहित्य के मध्य, 'सांस्थानिकता' का, क्या और कैसा अंतर्ग्रथित संबंध हो, इसको लेकर ...
रोमन में हिन्दी बनाम हिन्दी की हत्या
प्रभु जोशी | बुधवार,सितम्बर 2,2015
सातवें दशक के उत्तरार्द्ध में प्रकाशित एल्विन टॉफलर की पुस्तक 'तीसरी लहर' के अध्याय 'बड़े राष्ट्रों के विघटन' को पढ़ते ...
पोर्न के पँसारियों के पैंतरे और पक्ष
प्रभु जोशी | मंगलवार,अगस्त 18,2015
सर्वोच्च न्यायालय में सन 2013 में दायर की गई, एक जनहित याचिका को अपने संज्ञान में लेते हुए, केन्द्र सरकार ने कोई 857 ...
सुनें आप, मेरे मन की बात
प्रभु जोशी | सोमवार,जुलाई 20,2015
वक्त ज्यादा नहीं लगा और यह होने लगा कि आखिरकार, धीरे-धीरे, हिन्दी की वह पर्त झड़ने लगी, जो हमारे प्रधानमंत्री की भाषा ...
'मैगी की बहस के बहाने, कुछ असहज प्रश्न'
प्रभु जोशी | सोमवार,जून 15,2015
मैगी, पिछले दशकों में बच्चों और युवाओं के आस्वाद पर आधिपत्य जमाकर निर्द्वन्द् रूप से 'तुरन्ता' भोज्य व्यंजनों की कतार ...
स्मृति शेष श्रीराम ताम्रकर : अधूरी इच्छा का पूर्ण श्रीराम
प्रभु जोशी | रविवार,दिसंबर 14,2014
श्रीराम ताम्रकर हिंदी सिने पत्रकारिता के ऐसे और एक मात्र व्यक्ति रहे हैं जिन्हें भारतीय और विश्व सिनेमा का संदर्भ ...
सांस्कृतिक धूर्तता का वैज्ञानिक मुखौटा
प्रभु जोशी | शनिवार,नवंबर 1,2014
हम यदि गौर से देखें तो पिछले पाँच सौ साल के कालखंड में भारतीयों के बीच शायद ही किसी शब्द को इतना अधिक गौरवान्वित किए ...
इसलिए विदा करना चाहते हैं हिन्दी
प्रभु जोशी | शनिवार,नवंबर 1,2014
दुनिया की हर भाषा की जिंदगी में एक बार कोई निहायत ही निष्करुण वक्त दबे पाँव आता है और 'उसको बोलने वालों' के हलक में हाथ ...