सोमवार, 2 दिसंबर 2024
  • Webdunia Deals
  1. धर्म-संसार
  2. »
  3. ज्योतिष
  4. »
  5. तंत्र-मंत्र-यंत्र
  6. सिनेमा और ऐश्वर्य से जुड़े क्षेत्रों में सफलता दिलाता है शुक्र...
Written By WD

सिनेमा और ऐश्वर्य से जुड़े क्षेत्रों में सफलता दिलाता है शुक्र...

Venus Planet in Hindi | सिनेमा और ऐश्वर्य से जुड़े क्षेत्रों में सफलता दिलाता है शुक्र...
- आचार्य संजय

नौ ग्रहों में सूर्य को राजा, चंद्रमा को राजमाता और शुक्र को रानी माना गया है। शुक्रवार के दिन शुक्र ग्रह के लिए विशेष उपासना की जानी चाहिए। शुक्र के जातक आम तौर पर फैशन जगत, सिनेमा जगत तथा ऐसे ही अन्य क्षेत्रों में सफल होते हैं जिनमें सफलता पाने के लिए शारीरिक सुंदरता को आवश्यक माना जाता है।

शुक्र को सुंदरता की देवी भी कहा जाता है और इसी कारण से सुंदरता, ऐश्वर्य तथा कला के साथ जुड़े अधिकतर क्षेत्रों के कारक ग्रह शुक्र ही होते हैं, जैसे कि फैशन जगत से जुड़े लोग, सिनेमा जगत एवं रंगमंच तथा इससे जुड़े लोग, चित्रकारी तथा चित्रकार, नृत्य कला तथा नर्तक-नर्तकियां, इत्र तथा इससे संबंधित व्यवसाय, डिजाइनर कपड़ों का व्यवसाय, होटल व्यवसाय तथा अन्य ऐसे व्यवसाय जो सुख-सुविधा तथा ऐश्वर्य से जुड़े हैं।

शुक्र को भोग विलास और सुंदरता का प्रतीक माना जाता है। शुक्र शारीरिक सुखों के भी कारक होते हैं तथा संभोग से लेकर प्रेम तक सब विषयों को जानने के लिए कुंडली में शुक्र की स्थिति महत्वपूर्ण मानी जाती है। शुक्र का प्रबल प्रभाव जातक को कामातुर बना देता है तथा आम तौर पर ऐसे जातक अपने प्रेम संबंधों को लेकर संवेदनशील होते हैं। शुक्र के जातक सुंदरता और ऐश्वर्यों का भोग करने में शेष सभी प्रकार के जातकों से आगे होते हैं।

शुक्र के प्रभाव का जातक पर असर....


FILE


कुंडली में शुक्र पर अशुभ राहु का विशेष प्रभाव जातक के भीतर कामेच्छा और वासना को आवश्यकता से अधिक बढ़ा देता है। इससे पीड़ित जातक अपनी शारीरिक ऊर्जा तथा पैसा बुरी आदतों में उड़ाता है। शुक्र के दुष्प्रभाव से जातक की सेहत तथा प्रजनन क्षमता पर बुरा प्रभाव पड़ सकता है। जातक गुप्त रोग से पीड़ित भी हो सकता है।

इस दिन दही और लाल ज्वार का दान करना चाहिए। सफेद रेशमी वस्त्रों का दान करें। शुक्र को प्रसन्न करने के लिए शुक्रवार को ब्राह्मण को खीर खिलानी चाहिए। इस दिन गायक, वादन करने या ललित कलाओं के कलाकारों को भोजन कराने से शुक्रदेव प्रसन्न होते हैं। गूलर के वृक्ष की परिक्रमा करने और जल चढ़ाने से भी शुक्रदेव प्रसन्न होते हैं।

आगे पढ़ें शुक्र के मंत्र


FILE


शुक्र मंत्र का जाप 6 बार किया जाता है।

हिम कुन्दमृणालाभं दैत्यानां परमं गुरुम ।
सर्वशास्त्रप्रवक्तारं भार्गवं प्रणमाम्यहम।।

* द्रां द्रीं द्रौं स: शुक्राय नम:।

शुक्राय विद्महे शुक्लांबरधर: धीमहि तन्न: शुक्र प्रचोद्यात्।

(समाप्त)

(समाप्त)