जिस ग्रह की दशा के प्रभाव में हम होते हैं, उसकी स्थिति के अनुसार शुभाशुभ फल हमें मिलता है। जब भी कोई ग्रह अपना शुभ या अशुभ फल प्रबल रूप में देने वाला होता है, तो वह कुछ संकेत पहले से ही देने लगता है। इनके उपाय करके बढ़ी समस्याओं से बचा जा सकता है। आइए जानें...
चन्द्र के अशुभ होने के पूर्व संकेत जातक की कोई चांदी की अंगूठी या अन्य आभूषण खो जाता है या जातक मोती पहने हो तो खो जाता है।
जातक के पास एकदम सफेद तथा सुन्दर वस्त्र हो तो वह अचानक फट जाता है या खो जाता है या उस पर कोई गहरा धब्बा लगने से उसकी शोभा चली जाती है।
व्यक्ति के घर में पानी की टंकी लीक होने लगती है या नल आदि जलस्रोत के खराब होने पर वहां से पानी व्यर्थ बहने लगता है।
पानी का घड़ा अचानक टूट जाता है।
घर में कहीं-न-कहीं व्यर्थ जल एकत्रित हो जाता है तथा दुर्गंध देने लगता है।
उक्त संकेतों से निम्नलिखित विषयों में अशुभ फल दे सकते हैं-
माता को शारीरिक कष्ट हो सकता है या अन्य किसी प्रकार से परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।
नवजात कन्या संतान को किसी प्रकार से पीड़ा हो सकती है।
मानसिक रूप से जातक बहुत परेशानी का अनुभव करता है।
किसी महिला से वाद-विवाद हो सकता है।
जल से जुड़े रोग एवं कफ रोगों से पीड़ा हो सकती है, जैसे जलोदर, जुकाम, खांसी, नजला, हैजा आदि।
प्रेम-प्रसंग में भावनात्मक आघात लगता है।
समाज में अपयश का सामना करना पड़ता है।
मन में बहुत अशांति होती है।
घर का पालतू पशु मर सकता है।
घर में सफेद रंग वाली खाने-पीने की वस्तुओं की कमी हो जाती है या उनका नुकसान होता है, जैसे दूध का उफन जाना।
मानसिक रूप से असामान्य स्थिति हो जाती है।