षष्टम का सूर्य शत्रु नाशक
जानें षष्टम सूर्य के प्रभाव
सूर्य का षष्ट भाव में होना यह दर्शाता है कि उस जातक के शत्रु नहीं होंगे या किसी कारण हुए भी तो उस जातक का कुछ बिगाड़ नहीं पाएँगे। विद्या व संतान के मामलों में बाधा का कारण भी बनता है। * मेष लग्न में षष्टम भाव का सूर्य पंचमेश होकर मित्र बुध की कन्या राशि में होगा। * वृषभ लग्न में छठवाँ सूर्य नीच का होकर सुखेश होने के कारण सुख में माता के मामलों में, स्थायीत्व के मामलों में भूमि-भवन के मामलों में बाधा का कारण भी रहेगा। ऐसे जातक को रोग नहीं होते।
* मिथुन लग्न में छठे स्थान का सूर्य वृश्चिक मंगल की राशि में होकर तृतीयेश होने से पराक्रम के द्वारा सफलता का करक होगा व शत्रुओं का नाश करेगा। * कर्क लग्न में छठवाँ सूर्य धनु का होकर धनेश भी होगा जो स्वराशिस्थ होगा। एक मार्केश व दूसरा षष्टेश होने से धन, वाणी व कुटुम्बियों से परेशानी का कारण बनता है। वैसे नाना-मामा से लाभकारी रहेगा। * सिंह लग्न में छठें स्थान का सूर्य अपने पुत्र शनि की राशि मकर में होने से निरोगी रखेगा लेकिन कर्जदार भी बनाएगा व नाना-मामा के लिए भी कष्टकारी रहेगा। * कन्या लग्न में छठाँ सूर्य वही शनि की राशि कुंभ में द्वादशेश होने से बाहरी संबंध उत्तम रहेंगे, लेकिन षष्ट भाव से संबंधित मामलों में कष्ट रहेगा। * तुला लग्न में ऐसा सूर्य एकादशेश होकर गुरु की मीन राशि में होने से ज्यादा कष्टकारी न होकर कुछ न कुछ लाभकारी भी रहेगा। * वृश्चिक लग्न में छठाँ सूर्य दशमेश होकर उच्च का होने से उस जातक को चर्म रोग व अन्य बीमारी का कारण भी बनेगा लेकिन कर्ज व शत्रु नहीं होने देगा। नाना-मामा से लाभकारी भी बनाएगा। * धनु लग्न में षष्टम सूर्य भाग्येश होकर शत्रु शुक्र की राशि वृषभ में होने से भाग्य में रुकावट डालेगा। धर्म-कर्म में भी अरुचि पैदा करेगा। * मकर लग्न में छठवाँ सूर्य अष्टमेश होकर बुध की राशि मिथुन में होने से विपरीत राजयोगकारी रहेगा। अतः सूर्य के उत्तम परिणाम मिलेंगे। * कुंभ लग्न में सूर्य सप्तमेश होकर चन्द्र की राशि कर्क में सम होने से फल में मिली-जुली स्थिति रहेगी। * मीन लग्न में सूर्य अपनी ही राशि सिंह में होने से प्रबल रूप से शत्रुहन्ता होगा। अशुभ परिणाम मिलते हों तो उस जातक को बड़ों की सहायता करना चाहिए व लाल कुत्ता पालना चाहिए। सूर्य को प्रातः चाँदी के कलश में दूध-मिश्री मिला जल प्रति रविवार को सूर्योदय के समय चढ़ाएँ।