गुरुवार, 19 दिसंबर 2024
  • Webdunia Deals
  1. धर्म-संसार
  2. ज्योतिष
  3. ज्योतिष आलेख
  4. Vaishakh Amavasya 2022 Date
Written By

वैशाख अमावस्या : शुभ मुहूर्त, महत्व, पूजा विधि, दान की सूची और मंगलकारी मंत्र

वैशाख अमावस्या : शुभ मुहूर्त, महत्व, पूजा विधि, दान की सूची और मंगलकारी मंत्र - Vaishakh Amavasya 2022 Date
हर महीने में एक अमावस्या (Amavasya) आती है और कुल मिला कर वर्ष में 12 अमावस्याएं होती हैं। हिन्दू धर्मशास्त्रों के अनुसार हर मास की अमावस्या का विशेष महत्व होता है। इस बार वैशाख मास की अमावस्या है, जिसे वैशाख अमावस्या या सतुवाई अमावस्या के नाम से जाना जाता है। इस दिन पूजन, दान, धर्म करने का बहुत अधिक महत्व है। 
 
वैशाख अमावस्या मुहूर्त-amavasya muhurat
 
वैशाख कृष्ण अमावस्या 30 अप्रैल 2022 को
वैशाख अमावस्या तिथि का प्रारंभ 29 अप्रैल को देर रात 12.57 मिनट से
वैशाख अमावस्या तिथि का समापन 30 अप्रैल 2022 की देर रात 01.57 मिनट पर।
उदया तिथि के अनुसार शनिवार, 30 अप्रैल को शनिचरी या वैशाख अमावस्या (Shanichari Amavasya) मनाई जाएगी। 
 
वैशाख अमावस्या का महत्व-amavasya ka mahatva
 
दक्षिण भारत में वैशाख अमावस्या पर शनि जयंती मनाई जाती है। अत: इस दिन शनिदेव के पूजन का विशेष महत्व है। वैशाख अमावस्या के दिन धर्म-कर्म, स्नान एवं दान और पितरों के निमित्त तर्पण करना चाहिए। इन सभी कार्यों के लिए अमावस्या का दिन बहुत ही शुभ माना जाता है।
 
अमावस्या तिथि पर ज्योतिषीय उपाय भी किए जाते हैं, जिसमें कालसर्प दोष से मुक्ति पाने के लिए भी यह दिन लाभकारी माना गया है। इस दिन पितरों की शांति, ग्रह दोष निवारण आदि से मुक्ति के लिए भी उपाय किए जाते हैं। अमावस्या के दिन तामसिक वस्तुओं का सेवन करने से बचना चाहिए तथा नशा नहीं करना चाहिए। इस दिन व्यक्ति में नकारात्मक सोच बढ़ जाती है, अत: ज्यादा से ज्यादा धार्मिक कार्यों में समय व्यतीत करना चाहिए। 
 
वैशाख अमावस्या पूजा विधि-puja vidhi 
 
- वैशाख अमावस्या के दिन शनि जयंती भी मनाई जाती है अत: इस दिन शनिदेव को तिल, सरसो का तेल और नीले पुष्प आदि चढ़ाकर उनका पूजन करना चाहिए।
- वैशाख अमावस्या के दिन पीपल के पेड़ पर सुबह जल चढ़ाना चाहिए। 
- आज के दिन सायंकाल के समय में पीपल के पेड़ के नीचे दीया अवश्य जलाना चाहिए। 
- वैशाख अमावस्या पितरों की आत्मा की शांति के लिए तर्पण अवश्य करें तथा उपवास रखें। 
- इस दिन किसी गरीब व्यक्ति को दान-दक्षिणा, वस्त्र आदि का दान दें। 
- वैशाख अमावस्या पर नदी, जलाशय या पवित्र तट या कुंड आदि में स्नान करके सूर्यदेव को अर्घ्य दें तथा बहते हुए जल में तिल प्रवाहित करें। 
- इस दिन शनिदेव के साथ हनुमान जी का पूजन करना भी फलदायी रहता है। 
- शनिदेव की आरती, चालीसा, स्तोत्र आदि का ज्यादा से ज्यादा पाठ करना चाहिए। 
 
दान की सूची-daan ki samgri
 
इस दिन निम्न चीजों का दान करना चाहिए- 
मटकी,
खरबूजा,
कलश,
जल, 
चादर,
तिल,
वस्त्र,
शर्बत,
छाता,
साबूदाना, 
खिचड़ी,
उड़द दाल,
फल, 
तेल, 
चने की दाल,
रुई,
साबुन, 
कंघी, 
चांदी के बर्तन,
मिठाई,
धार्मिक पुस्तकें,
 
वैशाख अमावस्या के मंगलकारी मंत्र-mantra 
 
- ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नम:'
- 'ॐ विष्णवे नम:', 
- 'ॐ पितृ देवाय नम:' 
- ॐ पितृ दैवतायै नम:
- 'ॐ पितृभ्य: नम:'
- ॐ रं रवये नमः 
- ॐ घृणी सूर्याय नमः 
- 'ॐ प्रां प्रीं प्रौं स: शनैश्चराय नम:'
-'ॐ शं शनिश्चराय नम:'
इसके अलावा गायत्री मंत्र का जाप करें।