कुंभ संक्रांति कब है, क्या है इसका महत्व और महत्वपूर्ण कार्य
When is Kumbh Sankranti 2024: सूर्य के कुंभ राशि में जाने पर कुंभ संक्रांति होगी। इस बार 13 फरवारी 2024 मंगलवार को कुंभ संक्रांति होगी। शनि की राशि कुंभ में सूर्यदेव दोपहर 03 बजकर 31 मिनट पर प्रवेश करेंगे। कुंभ संक्रांति का पुण्यकाल सुबह 09:50 से दोपहर 03:54 तक रहेगा। महापुण्य काल दोपहर 02 बजे से 03:54 तक रहेगा। कुंभ संक्रांति के का क्या है महत्व और क्या करते हैं इस दिन, जानिए।
कुंभ संक्रांति का महत्व : मकर, मेष, मिथुन, धनु और कर्क संक्रांतियों का ही ज्यादा मत्व माना गया है, परंतु कुंभ संक्रांति का भी खासा महत्व है। क्योंकि कुंभ संक्रांति में ही विश्वप्रसिद्ध कुंभ मेले का संगम पर आयोजन होता है। इस दिन स्नान, दान और यम एवं सूर्यपूजा का खासा महत्व होता है।
कुंभ संक्रांति पर क्या करें :
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इस दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर सूर्य देव की उपासना, उन्हें अर्घ्य देना और आदित्य ह्रदय स्रोत का पाठ करने से जीवन के हर क्षेत्र में सफलता की प्राप्ति होती है।
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इस शुभ दिन सूर्य भगवान की विधि-विधान से पूजा करने पर उस घर-परिवार में किसी भी सदस्य के ऊपर कोई मुसीबत या रोग नहीं आता है। साथ ही भगवान आदित्य के आशीर्वाद से जीवन के अनेक दोष भी दूर हो जाते हैं। इससे प्रतिष्ठा और मान-सम्मान में भी वृद्धि होती है।
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इस दिन खाद्य वस्तुओं, वस्त्रों और गरीबों को दान देने से दोगुना पुण्य मिलता है। इस दिन दान करने से अंत काल में उत्तम धाम की प्राप्ति होती है। इस उपाय से जीवन के अनेक दोष भी समाप्त हो जाते हैं।
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मान्यता है कि इस दिन गंगा नदी में स्नान करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है। इस दिन सुख-समृद्धि पाने के लिए मां गंगा का ध्यान करें। अगर आप कुंभ संक्रांति के अवसर पर गंगा नदी में स्नान नहीं कर सकते हैं तो आप यमुना, गोदावरी या अन्य किसी भी पवित्र नदी में स्नान कर पुण्य की प्राप्ति कर सकते हैं।
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अगर इस शुभ दिन पर सूर्यदेव के बीज मंत्र का जाप किया जाए तो मनुष्य को अपने दुखों से छुटकारा शीघ्र मिल जाता है।