अनंत चतुर्दशी पर 24 वर्षों बाद विशेष योग...
* 27 सितं. को दोपहर तक रहेगी चतुर्दशी, मध्याह्न पूर्व करें गणेश विसर्जन
* अनंत चतुर्दशी पर रखना होगा विशेष ध्यान
इस बार 27 सितंबर, रविवार की अनंत चतुर्दशी विविधताओं से भरी हुई है। इस दिन चतुर्दशी मध्याह्न 12.06 बजे तक ही रहेगी। पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र रात्रि 9.53 बजे तक ही रहेगा। इसी दिन श्राद्ध पक्ष भी प्रारंभ होगा अर्थात मध्याह्न से पूर्णिमा आने से पूर्णिमा का श्राद्ध भी होगा।
ज्योतिर्विद पं. सोमेश्वर जोशी ने बताया कि इस बार एक ऐसा योग भी आ रहा है, जो 22 सितंबर 1991 के बाद 24 वर्षों पश्चात आ रहा है जिसमें सिंह का बृहस्पति तथा कन्या का सूर्य है, जो बहुत ही महत्वपूर्ण है। चान्द्र मास की गणना के अनुसार इस बार गणेश स्थापना 10 दिन न रहकर 11 दिन रहेगी।
शास्त्रों के अनुसार श्राद्ध पक्ष में शुभ कार्य नहीं होता अतः इस बार विशेष ध्यान रखते हुए गणपति पूजन और विसर्जन मध्याह्न पूर्व करना ही श्रेयस्कर होगा। श्रीगणेश जल के देवता हैं इसलिए उन्हें जल में विसर्जन करना श्रेष्ठ है।
ऐसे करें गणेश विसर्जन :-
हाथ में अक्षत, पुष्प लेकर यह मंत्र बोलकर गणेशजी पर चढ़ाएं-
मंत्र :-
गच्छ-गच्छ सुरश्रेष्ठ:, स्व स्थाने परमेश्वर:,
मम मनोकामनापूर्णय, पुनरागमनाय च...।
श्री गणेशाय नम:, श्री गणेशाय नम:, श्री गणेशाय नम:...।
ये करें विशेष -
* गणेश विसर्जन के दिन गणेशजी की विशेष पूजा करनी चाहिए।
* गणेशजी को विशेष रूप से लड्डू, बाटी, खीर एवं गजाकड़ा (खीर वाली मोटी रोटी) का नैवेद्य लगाएं।
* मंत्रों से हवन या सवाया पाठ या जाप करें।