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Written By पं. उमेश दीक्षित

वर्ष 2015 में कैसी होगी आपकी सेहत

वर्ष 2015 में कैसी होगी आपकी सेहत - Health horoscope
2015 में कैसी रहेगा स्वास्थ्य, पढ़ें 12 राशियां 



 
मेष राशि- इस वर्ष उदर संबंधी व्याधि जैसे अपच, रक्तचाप, एलर्जी इत्यादि से कष्ट रहेगा। कमर-घुटने व टखने में दर्द रह सकता है। धूल-धुएं तथा गरिष्ठ पदार्थों के सेवन से बचें। 
 
उपाय- हनुमान चालीसा का पाठ तथा मृत्युंजय मंत्र 'ॐ हौं जूं स:' का जप करें।
 
 


 


वृषभ राशि- नेत्र व्याधि, गठिया, कमर तथा घुटने में दर्द, सिरदर्द आदि हो सकते हैं। दिनचर्या की अव्यवस्था रोग का कारक रहेगी।
 
उपाय- नित्य टहलें, व्यायाम करें, गरिष्ठ भोजन का त्याग तथा श्री दुर्गाजी के किसी मंत्र का जप करें।
 
 


 


मिथुन राशि- इस वर्ष फेफड़े संबंधी रोग, जुकाम, नजला, दमा, खांसी, गर्दन आदि में दर्द की आशंका है। 
 
उपाय- दिनचर्या व्यवस्थित रखें। धूल-धुएं से बचें। गणेशजी के किसी मंत्र का जप करें।
 

 


 


कर्क राशि- इस वर्ष साधारण तथा स्वस्थता रहेगी। एनिमिया व पेट से जुड़ी बीमारी की आशंका हो सकती है।
 
उपाय- तेल, मिर्ची, आलू इत्यादि का सेवन न करें। भोजन में 3 घंटे का अंतर रखें तथा शिवार्चन करें।
 

 


 


सिंह राशि- चोट इत्यादि से फ्रेक्चर, मोच इत्यादि तथा पित्त-वात संबंधी रोग हो सकते हैं। जोड़ों में तकलीफ तथा अपच-गैस इत्यादि का कारण अनियमितता होते हैं, ध्यान रखें।
 
उपाय- हनुमानार्चन शुभ रहेगा।
 
 


 


कन्या राशि-  इस वर्ष रक्तचाप, डायबिटीज तथा वात-पित्त विकार हो सकते हैं। पेट की बीमारी तथा भोजन की एलर्जी हो सकती है।
 
उपाय- नियमित जीवन ही स्वास्थ्य है तथा मृत्युंजय मंत्र 'ॐ हौं जूं स:' का जप करें।
 
 


 


तुला राशि- कंधे, कमर व जोड़ों की तकलीफ हो सकती है। डायबिटीज के रोगी अपना ध्यान रखें, तकलीफ बढ़ सकती है। मंदाग्नि, अपच व अन्य उदर व्याधि के लिए खान-पान जिम्मेदार है तथा अन्य रोग की जड़ भी यही है। 
 
उपाय- हनुमान चालीसा के पाठ नित्य करें।
 
 


 


वृश्चिक राशि- नेत्र पीड़ा, डायबिटीज, वातज रोग तथा फेफड़े के रोग, रक्त की कमी आदि की समस्या हो सकती है।
 
उपाय- हरी रेशेदार सब्जियां खाएं, व्यायाम करें, हनुमान चालीसा के पाठ करें तथा नित्य मीठा जल पीपल में चढ़ाएं। 
 

 


 


धनु राशि- गठिया, रक्ताल्पता, एलर्जी तथा स्त्री जातकों को स्त्री रोग की परेशानी हो सकती है।
 
उपाय- दिनचर्या व्यवस्‍थित रखें, टहलें तथा डॉक्टरी सलाह समय-समय पर लें। गुरुवार व्रत तथा पूजन एवं पीली वस्तुएं दान करें।

 
 


 


मकर राशि- दुर्घटनादि से बचें। उदर संबंधी रोग जैसे मंदाग्नि, अपच, अनिद्रा इत्यादि की तकलीफ रह सकती है।
 
उपाय- सुबह जल्दी उठें, टहलें तथा रेशेदार भोजन करें। महामृत्युंजय की नित्य एक माला करें।
 

 


 


कुंभ राशि- ब्लड प्रेशर, डायबिटीज, हृदयाघात आदि की आशंका है। कंधे, गर्दन में चोट, मोच का भय है। उदर विकार संभव है।
 
उपाय- डॉक्टरी सलाह लें। कार्य की अधिकता से स्वास्थ्य को अनदेखा न करें। शनिदेव के मंत्र जपें- 'ॐ प्रां प्रीं प्रौं स: शनैश्चराय नम:'।
 


 


 


मीन राशि- फेफड़े संबंधी रोग सिर उठा सकते हैं। उदर व मूत्र विकार, हृदय संबंधी रोग को नजरअंदाज न करें।
 
उपाय- 'ॐ हौं जूं स:' के नित्य जप करें तथा शिवजी पर दूध मिला जल चढ़ाएं। खान-पान का ध्यान रखें।