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Written By भाषा
Last Modified: मोहाली , गुरुवार, 31 मार्च 2011 (01:30 IST)

पिच पढ़ने की चूक भी फायदेमंद साबित हुई : धोनी

पिच पढ़ने की चूक भी फायदेमंद साबित हुई : धोनी -
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भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने आईसीसी क्रिकेट विश्वकप सेमीफाइनल में पाकिस्तान पर 29 रन की जीत के बाद कहा कि उन्होंने पिच को पढ़ने में गलती की लेकिन अंत में यह चूक टीम इंडिया के लिए फायदेमंद साबित हुई।

मोहाली के पीसीए स्टेडियम की पिच से तेज गेंदबाजों को अधिक मदद मिलने की उम्मीद थी लेकिन अंत में यह स्पिनरों के लिए भी काफी मददगार रही क्योंकि गेंद धीमी और नीची रह रही थी।

धोनी ने पाकिस्तान को हराने के बाद कहा, ‘हमने पिच को पढ़ने में गलती की और यही कारण है कि हम तीन तेज गेंदबाजों के साथ उतरे लेकिन अंत में यह गलती हमारे लिए फायदेमंद रही और हमारे तेज गेंदबाजों ने अच्छी गेंदबाजी की।’

उन्होंने कहा, ‘हमारे तेज गेंदबाजों को मदद मिल रही थी जबकि स्पिनरों ने भी अच्छी गेंदबाजी की। हमारे पास ऐसे गेंदबाज नहीं हैं जो 140 किमी प्रति घंटा से अधिक की रफ्तार से लगातार गेंदबाजी कर सकें, इसलिए लाइन और लेंथ के साथ गेंदबाजी करना अहम था। मुनाफ, नेहरा और जहीर सभी ने अच्छी गेंदबाजी की।’

भारत की ओर से पाँचों गेंदबाजों जहीर खान, मुनाफ पटेल, आशीष नेहरा, हरभजन सिंह और युवराज सिंह ने दो-दो विकेट चटकाए। भारतीय कप्तान ने शानदार शुरूआत दिलाने के लिए आक्रामक बल्लेबाजी वीरेंद्र सहवाग और अनुभवी सचिन तेंदुलकर की सलामी जोड़ी की भी जमकर तारीफ की।

धोनी ने कहा, ‘हमें सहवाग और सचिन ने बेहतरीन शुरुआत दिलाई। मैच आगे बढ़ने के साथ विकेट थोड़ी धीमी हो गई जिससे रन बनाने और स्ट्राइक रोटेट करने में दिक्कत हो रही थी। बीच के ओवरों में पाकिस्तान के गेंदबाजों ने कसी हुई गेंदबाजी की जिससे रन बना मुश्किल हो गया।

शाहिद अफरीदी ने काफी अच्छी गेंदबाजी की और गेंदबाजों को पूरा सम्मान देना अहम था। इस पिच के लिए 260 रन का स्कोर अच्छा था।’ दूसरी तरफ पाकिस्तान के कप्तान शाहिद अफरीदी हार की निराशा के बावजूद मुस्कुराते हुए नजर आये लेकिन उनके चेहरे पर निराशा की झलक साफ दिख रही थी। पाकिस्तानी कप्तान ने कहा कि उन्हें मौके गँवाने का खामियाजा भुगतना पड़ा।

अफरीदी ने कहा, ‘वहाब रियाज ने हमारे लिए काफी अच्छी गेंदबाजी की लेकिन हमने कुछ मौके गँवाए जिसका खामियाजा हमें भुगतना पड़ा। हम बल्लेबाजी के दौरान बड़ी साझेदारी निभाने में विफल रहे और हमने गैरजिम्मेदाराना शाट भी खेले। भारतीय टीम ने हमसे बेहतर खेल दिखाया।'

पाकिस्तानी कप्तान ने इस हार के लिए अपने देशवासियों से माफी भी माँगी। उन्होंने कहा, ‘मैं अपने देश से माफी माँगना चाहता हूँ। हमने अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने की कोशिश की और इस टूर्नामेंट में अपने खेल का पूरा लुत्फ उठाया।’

अफरीदी ने दो अप्रैल को मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में श्रीलंका के खिलाफ होने वाले फाइनल के लिए भारत को शुभकामना देते हुए कहा, ‘मैं इस बेहतरीन जीत के लिए भारतीय क्रिकेट टीम और भारत देश को बधाई देना चाहता हूँ। फाइनल के लिए आपको शुभकामनाएँ।’

मैच में 85 रन की पारी खेलकर 'मैन ऑफ द मैच' बने सचिन तेंडुलकर ने कहा कि टीम शुरुआत में 300 से 310 रन का स्कोर खड़ा करने के लक्ष्य के साथ उतरी थी लेकिन बाद में हमें अहसास हो गया कि 270 तक का स्कोर अच्छा रहेगा।

पाकिस्तान के खिलाफ 1992 के बाद विश्वकप में भारत की सभी पाँच जीतों के गवाह रहे तेंडुलकर ने कहा, पूरी टीम ने शानदार प्रदर्शन किया। शुरू में सहवाग ने हमें काफी अच्छी शुरूआत दिलाई जिससे हमें पारी संवारने का समय मिल गया। इस पिच पर एक एक रन बनाकर स्ट्राइक रोटेट करना आसान नहीं था।’

उन्होंने कहा, ‘हम शुरुआत में 300 से 310 रन का स्कोर बनाने के बारे में सोच रहे थे जो मेरी नजर में अच्छा स्कोर था लेकिन जिस तरह से गेंद रुककर आ रही थी और स्पिन ले रही थी उससे लगा कि 265 से 270 का स्कोर ठीक रहेगा।’

तेंडुलकर ने साथ ही कहा कि मुंबई में अपने घरेलू मैदान पर फाइनल खेलना उनके लिए बेहतरीन लम्हा होगा और अब पूरी टीम का ध्यान अंतिम मैच पर है और वे अपने अच्छे काम को अंजाम तक पहुँचाना चाहते हैं। (भाषा)