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Written By वार्ता

ड्रेसिंग रूम में ही थम गई 'रावलपिंडी एक्सप्रेस'

ड्रेसिंग रूम में ही थम गई ''रावलपिंडी एक्सप्रेस'' -
अपनी तूफानी गेंदबाजी से प्रतिद्वंद्वी बल्लेबाजों के दिल दहला देने वाले 'रावलपिंडी एक्सप्रेस' के नाम से मशहूर पाकिस्तान के तेज गेंदबाज शोएब अख्तर ने कभी सपने में भी नहीं सोचा होगा कि उन्हें अपने कैरियर के आखिरी मैच में टीम के लिए खेलने के बजाए 'वाटरब्वॉय' का काम करके क्रिकेट को अलविदा कहना होगा।

शोएब ने विश्वकप के बाद अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कहने की घोषणा की थी। भारत के हाथों सेमीफाइनल में मिली हार के बाद पाकिस्तान का विश्वकप में सफर समाप्त होने के साथ ही दुनिया के सबसे तेज गेंदबाज शोएब के करियर का भी दुखद अंत हो गया।

लगभग 14 वर्ष पहले जब शोएब ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में कदम रखा था तब उन्होंने क्रिकेट में तेज गेंदबाजी का नया अध्याय शुरू किया था। शोएब अपने अंतरराष्ट्रीय करियर के दौरान जितना अपनी तेज गेंदबाजी के लिए जाने गए वहीं उनके साथ हमेशा जुड़े रहे विवादों ने भी उन्हें चर्चा में बनाए रखा और इन्हीं विवादों के कारण उन्हें टीम से अंदर बाहर भी होना पड़ा।

विश्वकप में भी विवादों के कारण ही इस तेज गेंदबाज को अंतिम एकादश से बाहर किया गया और वह भारत के खिलाफ सेमीफाइनल में अपना आखिरी मैच भी नहीं खेल पाए।

35 वर्षीय शोएब ने क्रिकेट के प्रति अपनी दीवानगी की हद के बारे में बताते हुए कहा कि जब मैंने अपना पहला टेस्ट खेला था और मुझे पहली किट मिली थी वह मेरे लिए बहुत यादगार क्षण है। मैंने उस किट को तीन दिन पहने रखा था और मैं उसी को पहन कर सोया था।

शोएब ने विश्वकप में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पाकिस्तान के आखिरी ग्रुप ए मैच से पूर्व कहा था। पाकिस्तान का इस विश्वकप में आखिरी मैच मेरा भी आखिरी मैच होगा। अपने संन्यास की घोषणा करते हुए मुझे ऐसा महसूस हो रहा है कि यह मेरी पहली मौत है। शोएब ने 1997 में वेस्टइंडीज के खिलाफ पहला टेस्ट खेला था और वह अपनी तेज गेंदबाजी के दम पर अचानक ही सबके आकर्षण का केंद्र बन गए लेकिन उनके कैरियर पर चोटों और उनके अनुशासनहीन व्यवहार के कारण बुरा असर पड़ा।

शोएब ने अपने करियर में टेस्ट मैचों में 178 विकेट और वनडे मैचों में 247 विकेट लिए। शोएब इस आँकड़े से कतई खुश नहीं होंगे। गेंद के साथ छेड़छाड़ करने, अनुशासन की कमी, 2007 में बल्ले से अपने साथी खिलाड़ी मोहम्मद आसिफ पर हमला करने, डोपिंग आरोप और कई अन्य विवादों और चोटों के कारण उनके कैरियर को काफी नुकसान हुआ।

इस विश्वकप में भी रिपोर्ट आई थी कि न्यूजीलैंड के खिलाफ ग्रुप चरण के मैच में न्यूजीलैंड के रोस टेलर का दो बार कैच छोड़ने पर उन्होंने विकेटकीपर कामरान अकमल के साथ भी गुस्से में बुरा बर्ताव किया था जिसके कारण उन्हें आगामी किसी भी मैच में अंतिम एकादश में शामिल नहीं किया गया। हालाँकि पाकिस्तानी टीम और प्रबंधन ने इन रिपोर्टों का खंडन किया है।

शोएब भले ही गलत कारणों से चर्चा में रहे और अधिकतर समय टीम की परेशानी का सबब बने लेकिन लंबी और मजबूत कद काठी वाले शोएब जब 35 गज पीछे से दौड़कर गेंदबाजी करने आते थे तो उनके हवा में उडते लंबे बाल क्रिकेटप्रेमियों का ध्यान आकर्षित करने और बल्लेबाजों का ध्यान भंग करने के लिए काफी थे।

उन्होंने भारत के खिलाफ 1999 में एशियन टेस्ट चैंपियनशिप के दौरान पहले राहुल द्रविड़ और फिर अगली ही गेंद पर सचिन तेंडुलकर का विकेट लेकर अपनी प्रतिभा का परिचय दिया। इस चैंपियनशिप में शोएब ने आठ विकेट लिए। इसके अलावा इसी वर्ष हुए विश्वकप में उन्होंने 16 विकेट चटकाए लेकिन विवादों ने उनका पीछा नहीं छोड़ा और उन पर 2006 में डोपिंग का दोषी पाए जाने के कारण दो वर्ष का प्रतिबंध लगाया गया।

हालाँकि भारत के खिलाफ 'ड्रीम' सेमीफाइनल के लिए शोएब को टीम में खेलाए जाने की माँग जोरशोर से की जा रही थी लेकिन रफ्तार के इस सौदागर को मैदान के बाद ड्रेसिंग रूम में टीम की हारते हुए देखकर ही क्रिकेट को अलविदा कहने के लिए मजबूर होना पड़ा। (वार्ता)