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Written By भाषा
Last Modified: नई दिल्ली (भाषा) , रविवार, 14 दिसंबर 2008 (17:15 IST)

शेयर बाजारों में सुधार की उम्मीद

शेयर बाजारों में सुधार की उम्मीद -
देश के शेयर बाजारों में आगामी सप्ताह उतार-चढ़ाव भरे कारोबार में सुधार की अधिक उम्मीद है। बीते सप्ताह विदेशी संस्थानों के समर्थन के बूते बम्बई शेयर बाजार (बीएसई) सेंसेक्स में 725 अंक तथा नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) निफ्टी 207 अंक ऊँचे बंद हुए।

बाजार विश्लेषकों का मानना है कि वर्तमान में आसार तो सुधार के नजर आ रहे हैं, किंतु अंतरराष्ट्रीय बाजारों की हलचल का असर बाजार को प्रभावित कर सकता है।

दिल्ली शेयर बाजार के पूर्व अध्यक्ष और ग्लोब कैपिटल मार्केट्स के प्रमुख अशोक अग्रवाल का मानना है कि वर्ष की समाप्ति नजदीक आ रही है। फंडों की शार्ट कवरिंग का जोर हो सकता है, जिसे देखते हुए बाजार में सुधार की अधिक उम्मीद नजर आ रही है। फिर भी निवेशकों को पूरे एहतियात के साथ निवेश करने पर ध्यान देना होगा।

बीते सप्ताह बाजार को ऊँचा उठाने में रिजर्व बैंक के शनिवार को रेपो और रिवर्स रेपो दर में कमी के साथ ही सरकार की तरफ से घोषित प्रोत्साहन पैकेज भी मददगार रहा। महँगाई की दर में लगातार पाँचवें सप्ताह गिरावट रही, किंतु अक्टूबर 2008 में निर्यात में गिरावट के बाद औद्योगिक उत्पादन में 15 साल के बाद नकारात्मक रहना बाजार के लिए अच्छे समाचार नहीं थे।

अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में भारी गिरावट के बाद सरकार ने फरवरी 2007 के बाद पहली बार पेट्रोल-डीजल की कीमतों में कमी की। पेट्रोल के दाम पाँच रुपए और डीजल की कीमत दो रुपए प्रति लीटर घटाई गई।

सप्ताह के दौरान चार दिन के कारोबार में सेंसेक्स 724.87 अंक अर्थात 8.09 प्रतिशत बढ़कर 9690.07 अंक पर पहुँच गया। एनएसई का निफ्टी 7.62 प्रतिशत अर्थात 206.95 अंक की बढ़त से 2921.35 अंक पर पहुँच गया।

बाजार विश्लेषकों का कहना है कि महँगाई में जिस तरह से तेजी से गिरावट आ रही है, अब यह रिजर्व बैंक की चिंता नहीं रह गई है। 29 नवम्बर को समाप्त हुए सप्ताह में महँगाई की दर आठ प्रतिशत रह गई। महँगाई में आ रही गिरावट से रिजर्व बैंक के सामने अर्थव्यवस्था को डोज देने के लिए और कदम उठाने का रास्ता खुला है। इस वर्ष दो अगस्त को महँगाई की दर 13 साल के उच्चतम स्तर 12.91 प्रतिशत पर पहुँच गई थी।

सेंसेक्स के अलावा बीएसई के मिडकैप और स्मालकैप ने भी अच्छी छलाँग लगाई। यह क्रमश: 5.45 तथा 6.24 प्रतिशत ऊँचे रहे। रियलटी और धातु कंपनियों के सूचकांकों ने भी लंबी उड़ान भरी।

विदेशी संस्थान फिर से सक्रिय नजर आ रहे हैं और इस माह 11 तारीख तक 2048 करोड़ 70 लाख रुपए की शुद्ध खरीदारी कर चुके हैं। वैसे वर्ष 2008 में इनकी शुद्ध बिकवाली 52 हजार 688 करोड़ 50 लाख रुपए है।

सप्ताह के दौरान रियलटी वर्ग की अग्रणी कंपनी डीएलएफ के शेयर ने 36.11 प्रतिशत की छलाँग भरी। यूनीटैक का शेयर 11.36 प्रतिशत चढ़ा। बैंकिंग वर्ग में निजी क्षेत्र का अग्रणी आईसीआईसीआई बैंक का शेयर 14.79 प्रतिशत और एचडीएफसी बैंक 3.52 प्रतिशत ऊँचा रहा। अग्रणी वाणिज्यिक बैंक एसबीआई के शेयर में 6.96 प्रतिशत की तेजी आई।

रिलायंस इंडस्ट्रीज का शेयर 16.77 प्रतिशत चढ़ा, जबकि ओएनजीसी के शेयर में 1.28 प्रतिशत की गिरावट आई। आरकॉम 26.34 प्रतिशत छलाँग लगा गया, किंतु अमेरिकी बाजार की खस्ता हालत को देखते हुए आईटी वर्ग की कंपनियों के शेयरों पर मार पड़ी। इस वर्ग की अग्रणी टीसीएस का शेयर 7.56 प्रतिशत, दूसरी बड़ी कंपनी इन्फोसिस 2.49 और सत्यम कंप्यूटर 1.63 प्रतिशत नीचे आए जबकि विप्रो के शेयर में 5.08 प्रतिशत की बढ़त रही।